ईवी खरीदारों की हो गई मौज, सब्सिडी के साथ उठाएंगे फ्री टोल का फायदा

इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या के मामले में भारत का दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इस पॉलिसी का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों संख्या बढ़ाना और बड़े स्तर पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रेंज की चिंता को खत्म करना है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के लिए ईवी को ज्यादा किफायती बनाने के लक्ष्य पर जोर दिया.

नई पॉलिसी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल पर भी छूट दी जाएगी. इसके अलावा पॉलिसी के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को ज्यादा मजबूत बनाने पर भी जोर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नई 2025 महाराष्ट्र ईवी नीति के लागू होने से इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और ईवी की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है. यह पॉलिसी 2030 तक वैध रहेगी. इस ईवी पॉलिसी के लिए राज्य सरकार ने ₹1,993 करोड़ का बजट निर्धारित किया है.

ईवी खरीदने पर 10 प्रतिशत की छूट

नई ईवी नीति के तहत, महाराष्ट्र सरकार 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को छूट देकर क्लीन मोबिलिटी को लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इस रणनीति के तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर, फोर व्हीलर, राज्य परिवहन निगम की बसें, निजी बसें और नागरिक निकायों के तहत परिवहन उपक्रमों को उनकी मूल लागत के मुकाबले खरीद पर 10 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी.

टोल में मिलेगी छूट

इलेक्ट्रिक माल ढोने वाले तिपहिया और चार पहिया वाहनों व इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों को उनकी मूल लागत के मुकाबले 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. नई ईवी नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क भी माफ किया जाएगा. इसके अलावा इस नीति के तहत मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, अटल सेतु और समृद्धि महामार्ग का उपयोग करने वाले चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों और बसों के लिए टोल माफ किया जाएगा. राज्य और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले इन वाहनों के लिए टोल केवल 50 प्रतिशत होगा.

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