एमपी: भाजपा के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का आकस्मिक निधन

मध्य प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे दो दिन से एक विवाह समारोह के लिए सीहोर के रिसोर्ट में थे। बुधवार को उनके सीने में दर्द हुआ लेकिन उन्होंने गैस की समस्या समझ कर उसे गंभीरता से नहीं लिया। दोपहर में जब वह घर लौटे तो दर्द बढ़ गया और वह बेहोश हो गए। परिजन उन्हें निजी अस्पताल में ले गए लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में हुए थे शामिल 
इंदौर में तीन साल पहले जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के लिए आए थे। तब यात्रा की तैयारी की सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ वे इंदौर के गुरुद्वारे गए थे। वहां कमलनाथ का विरोध हुआ। इस घटना से नाथ सलूजा को लेकर नाराज थे। इसके बाद सलूजा ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने सलूजा को प्रदेश प्रवक्ता बनाया था और वे काफी सक्रिय थे। 

नाश्ते के बाद हो गई थी तबीयत खराब
सलूजा अपने एक मित्र की बेटी की शादी के लिए दो दिन से रिसोर्ट में रुके थे। उनके साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह भी थी। नाश्ते के बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी, तो उन्होंने कहा कि मुझे ठीक नहीं लग रहा है।  दोपहर में सलूजा गुरुद्वारा में होने वाले फेरे में भी इस कारण शामिल नहीं हो पाए और सीधे इंदौर लौट आए, लेकिन घर जाते ही तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी।

भाजपा में शामिल होने के बाद भी बनाई अलग पहचान
नरेंद्र सलूजा अपने तर्कों, हाजिरजवाबी और संतुलित विचारों के कारण पहचाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा-दोनों ही दलों में एक विशिष्ट पहचान बनाई थी। राजनीतिक जगत में उन्हें एक सौम्य और समझदार नेता के रूप में जाना जाता था। मध्यप्रदेश में कांग्रेस शासनकाल के दौरान वे तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के भरोसेमंद सहयोगी माने जाते थे। 2022 में पार्टी के भीतर मतभेद के चलते उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। उनकी सदस्यता को खास बनाने के लिए सीएम हाउस में कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसके बाद वे भाजपा में भी तेजी से सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका में नजर आने लगे।

सलूजा सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर पर बेहद सक्रिय रहते थे। अपने तीखे और चुटीले ट्वीट्स के जरिए वे अक्सर कांग्रेस पर निशाना साधते थे और पार्टी की विचारधारा का प्रभावी ढंग से बचाव करते थे। भाजपा प्रवक्ता के रूप में उनके वक्तव्य हमेशा सधे हुए और प्रभावशाली होते थे, जिससे उन्होंने पार्टी में अलग पहचान बनाई।  

यह थी भाजपा में जाने की वजह 
2022 में गुरुनानक जयंती पर इंदौर के खालसा कॉलेज में कार्यक्रम था। इसमें कमलनाथ भी गए थे। जिस पर कीर्तनकार भड़क गए थे और अपमानित कर नाथ को वहां से निकल जाने को मजबूर किया गया। इसे लेकर कमलनाथ ने नरेंद्र सलूजा को उनके मीडिया कॉर्डिनेटर समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। खालसा कॉलेज विवाद की वजह से राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर प्रवास के दौरान पड़ाव का स्थल भी बदलना पड़ा। इसके बाद नरेंद्र सजूला ने 25 नवंबर 2022 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

दो घंटे पहले किया आखिरी ट्वीट
नरेंद्र सलूजा के एक्स अकाउंट से 2 बजकर 54 मिनट पर आखिरी ट्वीट किया गया था। उन्होंने अक्षय तृतीया की बधाई प्रेषित की थी। वहीं करीब 1 बजे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी। 

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