मध्य प्रदेश के उज्जैन में भले ही प्रशासन ने खेतों में नरवाई जलाने पर रोक लगा रखी हो, लेकिन किसान इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. धार्मिक नगरी उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर नागदा मंडी थाना क्षेत्र में नरवाई जलाने की एक ऐसी घटना सामने आई, जिसमें आग की लपटें रेलवे ट्रैक तक पहुंच गईं. इस घटना के बाद रेलवे ट्रैक से निकल रही ट्रेनों को लेट करना पड़ा. मामला नागदा-कोटा रेलवे ट्रैक का है.
जानकारी के मुताबिक, रेलवे ट्रैक के समीप प्रतिबंध के बावजूद भी एक किसान ने खेत मे नरवाई जला दी. खेतों में आग लगाने के बाद यह आग ऐसी भड़की कि इससे किसान के साथ ही अन्य खेतों की नरवाई भी जल गई. यह आग जलते हुए रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों तक भी पहुंच गई. रेलवे के गेटमैन अनुज गुर्जर ने जब दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के पास भीषण आग को देखा तो तुरंत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड टीम ने आग पर काबू पाया.
30 मिनट तक रहा रेलवे ट्रैक बाधित
रेलवे ट्रैक के पास लगी आग काफी भीषण थी और इसकी लपटे विद्युत तारों तक भी पहुंच रही थी, इसीलिए कोई जनहानि ना हो इसे देखते हुए रेलवे अधिकारियों को करीब 30 मिनट तक रेल यातायात बाधित करना पड़ा, जिससे मालगाड़ी व पैसेंजर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ.आग को नियंत्रित करने वाले नपाकर्मी सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियां में आग लगी होने की जानकारी मिलते ही वह अपनी टीम के साथ रेलवे ट्रैक के पास पहुंचे. जहां से दो फायर टैंकरों के माध्यम से आग पर काबू पाया गया.
पांच किसानों के खिलाफ हुई कार्रवाई
नरवाई जलाने के कारण लगी इस आग के बाद एसडीएम बृजेश सक्सेना ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, रेलवे प्रबंधन ने भी नागदा मंडी थाने में इस आगजनी को लेकर शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद पांच किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसे रेलवे अधिकारियों की मुस्तेदी ही कहा जाएगा कि उन्होंने रेलवे के गेट मेन अनुज गुर्जर की शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत रेलवे ट्रैक से निकलने वाली गाड़ियों को आधे घंटे के लिए रोक दिया. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक एक ऐसा रेलवे ट्रैक है जहां पर पैसेंजर गाड़ियों के साथ ही कोयले और ईंधन से भरी ट्रेन भी बड़ी संख्या में निकलती हैं.