राजधानी दिल्ली-एनसीआर के कई अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों से आंखों में संक्रमण, दर्द-जलन, चुभन और लालिमा जैसी समस्या वाले मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोग इस तरह की दिक्कतों का शिकार देखे जा रहे हैं। दिल्ली स्थित आकाश हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) और शारदा हॉस्पिटल सभी जगहों से मिल रही खबरों के मुताबिक आंखों की समस्या वाले रोगियों की संख्या में एक महीने में इजाफा हुआ है। डॉक्टर्स की मानें ते इसके लिए बढ़ती गर्मी एक वजह हो सकती है।
पिछले 20 दिनों में दिल्ली-एनसीआर में पारा काफी तेजी से चढ़ा है। ये 40 डिग्री को पार कर गया है, वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के मुताबिक आने वाले दिनों में ये और भी बढ़ सकता है।
40 डिग्री और इससे अधिक के तापमान को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए गंभीर दुष्प्रभावों वाला माना जाता रहा है, इसका आपकी आंखों पर भी नकारात्मक असर हो सकता है।

ड्राई आइज सहित आंखों की कई समस्याएं बढ़ीं
अमर उजाला से बातचीत में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ समीर कौशिक बताते हैं, बढ़ते तापमान ने आंखों से संबंधित समस्याओं के जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। तापमान में बहुत बढ़ोतरी और कमी दोनों ही आंखों की सेहत को प्रभावित करने वाली हो सकती है। 40 से अधिक तापमान और गर्मी के कारण ड्राई आइज की समस्या बढ़ जाती है।
पराबैंगनी (यूवी) किरणों के संपर्क में आने से कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है और संभावित रूप से फोटोकेराटाइटिस (सनबर्न ऑफ आइज) की दिक्कत हो सकती है।

मार्च से ही बढ़ने लगे हैं आंखों के मरीज
ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स से प्राप्त जानकारियों के मुताबिक अकेले मार्च में जिम्स अस्पताल में 750 पीड़ित लोग आंखों की समस्याओं के साथ पहुंचे, इनमें से ज्यादातर की उम्र 4 से 10 वर्ष की थी। तापमान में बढ़ोतरी के साथ अप्रैल-मई में आंखों में जलन और लालिमा की शिकायत के साथ बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे है।
जिम्स में नेत्ररोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कृष्ण कुलदीप गुप्ता ने बताया कि 30 मार्च तक आंखों की समस्या से जूझ रहे मरीजों का आंकड़ा 2500 से अधिक हो गया, जिसमें से 750 मरीज आंखों में संक्रमण के शिकार थे।

आंखों में खुजली-लालिमा के साथ आ रहे हैं रोगी
इसी तरह दिल्ली के अस्पतालों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक बढ़ते तापमान के साथ आंखों में जलन-लालिमा और दर्द की शिकायत के साथ मरीजों के आने का सिलसिला जारी है।
आंखों की एलर्जी के शुरुआती लक्षण के दौरान आंखों में खुजली होना, आंखें लाल होना, पानी आना, ड्राइनेस होना (आंखों में कूड़ा पड़े होने जैसा महसूस होना), गंदगी आना और सूजन की समस्या होने लगती है। अगर इस तरह की समस्याओं को लेकर लापरवाही बरती जाती है, तो आंखों की मांपेशियों और तंत्रिकाओं को भी क्षति होने लगती है।

इन बातों पर गंभीरता से देते रहें ध्यान
डॉ समीर कहते हैं, उच्च तापमान, विशेष रूप से हीटवेव के दौरान, ड्राई आइज, एलर्जी प्रतिक्रियाएं आंखों में संक्रमण के खतरे को बढ़ा देती हैं। गर्मी के महीनों में कंजंक्टिवाइटिस (पिंक आइज) के मामलों में भी बढ़ोतरी होती है, जो मानसून के महीनों तक काफी बढ़ जाती है। दूषित पानी के संपर्क में आना और एलर्जी इसका कारण हो सकता है।
चूंकि गर्मी का ये मौसम आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
- आंखों में एलर्जी और संक्रमण की समस्या गर्मी शुरू होने से लेकर मानसून के अंत तक देखी जाती है। इसलिए सभी माता-पिता को बच्चों की आंखों का विशेष देखभाल करते रहना चाहिए।
- अगर किसी को आंखों में दिक्कत महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- खुद से ही किसी दवा या आईड्रॉप लेने से बचें। एक दवा जो किसी को फायदा कर रही है वह आपके लिए भी फायदेमंद हो या जरूरी नहीं है, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।