दिल्ली की झुलसाती गर्मी से लोगों को राहत दिलाने के उद्देश्य से डॉ. राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल ने एक अहम कदम उठाया है। अस्पताल ने न केवल अपनी मौजूदा हीट-स्ट्रोक यूनिट को आधुनिक बनाया है, बल्कि एक मोबाइल हीट-स्ट्रोक यूनिट की भी शुरुआत की है। इस पहल के तहत, लू से पीड़ित मरीजों को प्राथमिक इलाज घटनास्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, जैसे ही हीट स्ट्रोक के किसी मरीज की सूचना मिलती है, उन्नत जीवन रक्षक सुविधाओं (ACLS) से लैस एंबुलेंस तुरंत मौके पर भेजी जाएगी। यह एंबुलेंस “TACO” यानी Trap Assisted Cooling with Oscillation तकनीक के माध्यम से मरीज का उपचार करेगी।
RML अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला बताते हैं कि लू लगने की स्थिति में शरीर का तापमान 108 से 110 फारेनहाइट तक बढ़ सकता है, जिससे शरीर में मौजूद प्रोटीन नष्ट होने लगते हैं और मरीज की जान को खतरा होता है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में करीब 80 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हो जाती है।
लू से पीड़ितों के लिए तुरंत मदद का इंतजाम
अस्पताल ने इस संबंध में एक हेल्पलाइन नंबर (011-23404446) भी जारी किया है, जिस पर संपर्क करने पर अस्पताल की एंबुलेंस त्वरित रूप से घटनास्थल पर पहुंचेगी। वहां पैरामेडिकल स्टाफ मरीज को ठंडा करने की प्रक्रिया शुरू करेगा—उसे बर्फ से ठंडे किए गए टब या तिरपाल पर लिटाकर शरीर का तापमान कम किया जाएगा। इसके बाद मरीज को अस्पताल लाकर आगे का उपचार किया जाएगा।
पिछले साल दिल्ली में लू से 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर मजदूर और युवा शामिल थे, जो दिन के समय खुले में काम करते थे।
अस्पताल में विशेष उपचार कक्ष भी तैयार
RML अस्पताल ने हीट-स्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेष कक्ष भी बनाए हैं, जिनमें हाई-कैपेसिटी कूलिंग टब्स की व्यवस्था है। इन टब्स में मरीज को लगभग 150 लीटर पानी और 50 से 55 किलो बर्फ के साथ लिटाया जाता है ताकि शरीर का तापमान जल्दी से घटाया जा सके। इसके अतिरिक्त, अस्पताल में 250 किलो बर्फ उत्पादन करने वाला विशेष रेफ्रिजरेटर भी लगाया गया है। यूनिट में दो ICU बेड भी हैं, जिनमें वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
फिलहाल, अस्पताल में इस सीज़न में लू से पीड़ित कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।