अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वार्ताकार क्षमता की सराहना करते हुए उन्हें एक “कुशल वार्ताकार” बताया है। उन्होंने यह भी अनुमान जताया कि भारत उन शुरुआती देशों में हो सकता है जो आपसी टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देगा।
गुरुवार को एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वेंस ने बताया कि दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है।
‘भारतीय बाजार अमेरिकी किसानों के लिए अब तक सीमित’
वेंस ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका का उद्देश्य व्यापार में संतुलन लाना है। उन्होंने कहा, “अभी भारतीय बाजार अमेरिकी किसानों के लिए काफी हद तक बंद है। हमारे किसान उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करते हैं, लेकिन उन्हें भारत में बेचने का अवसर नहीं मिलता। इसका नतीजा यह है कि हमारे किसान और उपभोक्ता विदेशी आपूर्ति पर निर्भर हो जाते हैं।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित व्यापार समझौता भारत में अमेरिकी कृषि उत्पादों और टेक्नोलॉजी के लिए नए रास्ते खोलेगा, जिससे अमेरिका में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ होंगे।
‘भारत ने अमेरिका का लंबे समय तक व्यापारिक लाभ उठाया’
वेंस ने अपने बयान में यह भी कहा, “अगर ईमानदारी से कहें तो भारत ने वर्षों तक अमेरिका के साथ व्यापार में फायदा उठाया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यापार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वे असमान और नुकसानदायक व्यापार व्यवस्था के विरोध में हैं।”
व्यापार समझौते पर चर्चा जारी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फरवरी में वाशिंगटन डीसी में मुलाकात हुई थी। उसी समय दोनों नेताओं ने व्यापार समझौते को लेकर आपसी सहमति बनाई थी। वर्तमान में दोनों देशों की टीमें इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कार्यरत हैं, जिसमें टैरिफ रियायतें और बाजार तक बेहतर पहुंच जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है।