देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 का आयोजन 4 मई 2025 को किया जाएगा। इस परीक्षा की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पास है। इस बार करीब 22.7 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, जो NEET के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है।
परीक्षा देशभर के 500 से अधिक शहरों में 5453 परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएगी। इन केंद्रों का चयन इस बार बेहद सावधानी से किया गया है—अधिकतर केंद्र केंद्रीय विद्यालयों, सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों और विश्वविद्यालय परिसरों में बनाए गए हैं, ताकि छात्रों को आवश्यक सुविधाएं मिल सकें।
सुविधाओं का विशेष ध्यान
परीक्षा केंद्रों पर बैठने की व्यवस्था, बिजली, पंखों, पेयजल और साफ-सफाई का विशेष प्रबंध किया गया है। मकसद यह है कि परीक्षार्थियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
परीक्षा से पहले मॉक ड्रिल
3 मई को सभी परीक्षा केंद्रों पर एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि परीक्षा के दिन किसी भी प्रकार की तकनीकी या प्रशासनिक दिक्कत न आए। इस प्रक्रिया में मोबाइल जैमर की कार्यप्रणाली, एंट्री प्रक्रिया, सुरक्षा जांच और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसी व्यवस्थाओं की जांच की गई।
सख्त निगरानी व्यवस्था
परीक्षा के दिन निगरानी के लिए तीन-स्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल रहेंगे। CCTV कैमरे, सुपरवाइज़र, निगरानी दल और NTA के प्रतिनिधि केंद्रों पर मौजूद रहेंगे ताकि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
गर्मी को लेकर खास इंतज़ाम
मई की गर्मी को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त पंखे, ठंडा पानी, बिजली की निरंतर आपूर्ति, फर्स्ट एड और जरूरत पर एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुछ जगहों पर पोर्टेबल टॉयलेट्स भी लगाए गए हैं।
नकल पर सख्त कार्रवाई
यदि कोई परीक्षार्थी किसी प्रकार की धोखाधड़ी करते या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे न केवल परीक्षा से तुरंत बाहर कर दिया जाएगा बल्कि अगले तीन वर्षों तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक भी लगाई जाएगी। सुरक्षा दल मोबाइल जैमर, मेटल डिटेक्टर और CCTV की मदद से निगरानी करेगा।
नए कानून के तहत सजा
सरकार ने परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 लागू किया है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति या गिरोह परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करता है, जैसे पेपर लीक, फर्जी अभ्यर्थी भेजना या सिस्टम से छेड़छाड़, तो उस पर कठोर कार्रवाई—जेल और आर्थिक दंड—लगाई जा सकती है।