भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) केंद्रीय वित्त मंत्रालय और अन्य नियामक संस्थाओं के साथ मिलकर केवाईसी (Know Your Customer) प्रणाली को केंद्रीकृत करने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। यह जानकारी सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित केंद्रीय केवाईसी डेटाबेस ऑनलाइन होगा और इसका उद्देश्य विभिन्न वित्तीय संस्थानों में केवाईसी अनुपालन को सरल और कुशल बनाना है।
जल्द लागू हो सकती है नई प्रणाली
सेबी प्रमुख के अनुसार, इस प्रणाली को विकसित करने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता वित्त सचिव कर रहे हैं और प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। हालांकि किसी निश्चित समयसीमा का उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन पांडे ने इसे जल्द लागू होने की संभावना जताई। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत एक ही बार केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने पर वह कई संस्थानों में स्वतः मान्य होगी। साथ ही, केवल दस्तावेज़ अपलोड करना ही नहीं, बल्कि उनकी पुष्टि और वैधता की भी पूरी जांच की जाएगी।
बजट में हुई थी घोषणा, अप्रैल में हुई समीक्षा बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 तक एक नया और बेहतर केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री लाने की घोषणा बजट भाषण के दौरान की थी। इसके बाद अप्रैल में वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें नए केवाईसी ढांचे को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और इसे अधिक समावेशी बनाने के उपायों पर जोर दिया गया।
फर्जी निवेश सलाहकारों पर सेबी की सख्ती
सेबी प्रमुख ने यह भी बताया कि फर्जी निवेश सलाह देने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की निगरानी निरंतर की जा रही है। सोशल मीडिया कंपनियों के साथ तालमेल से अब तक 70,000 से अधिक भ्रामक और धोखाधड़ी वाले पोस्ट व अकाउंट हटाए जा चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी संभावित जोखिमों को लेकर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी।