गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा- कुंभ से लौटने वालों की होगी कोरोना जांच, संक्रमित को 14 दिन आइसोलेशन में रहना होगा

कुंभ स्नान कर गुजरात लौटने वालों को बिना आरटी पीसीआर टेस्ट के प्रवेश नहीं दिया जाएगा तथा 14 दिन आइसोलेट रखा जाएगा। गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ने के चलते हैं सरकार ने यह फैसला किया है। कुंभ में जाने वाले लोगों के बड़ी संख्या में संक्रमित होने की खबरों के बीच गुजरात सरकार भी सतर्क हो गई है। कुंभ में स्नान कर लूटने वालों को अब गुजरात में सीधे प्रवेश नहीं दिया जाएगा। गुजरात में प्रवेश करने से पहले उनका आरटी पीसीआर टेस्ट देखा जाएगा। इसके बाद उन्हें प्रदेश में 14 दिन के लिए आइसोलेट रहना होगा। खुद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की उपस्थिति शनिवार को हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय किया गया। गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले काबू से बाहर होते जा रहे हैं। सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अभी तक कोरोना पर नियंत्रण पाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। इसीलिए अब कुंभ स्नान कर लौटने वालों के लिए सरकार ने यह गाइडलाइन जारी की है, ताकि वहां से लौटने वाले श्रद्धालु सुपर स्प्रेडर ना बन जाएं। 

इधर, गुजरात में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8920 नए मामले सामने आए, 94 मौतें हुईं और 3,387 रिकवर हुए। प्रदेश में कोरोना के कुल मामले 3,84,688 हैं। कुल 3,29,781 रिकवर हुए। सक्रिय मामले 49,737 हैं। कोरोना वायरस से अब तक प्रदेश में कुल 5,170 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले वीरवार को प्रदेश में कोरोना के 8152 नए मामले सामने आए, 3023 डिस्चार्ज हुए और 81 मौतें हुईं हैं। प्रदेश में कुल मामले 3,75,768 हैं। कुल 3,26,394 डिस्चार्ज हुए। सक्रिय मामले 44,298 हैं। कोरोना से अब तक 5,076 की जान जा चुकी है। प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इधर, गुजरात में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच उच्च न्यायालय ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया है। अदालत ने सरकार के कोरोना के आंकड़ों पर संदेह जताते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया होता तो आज कोरोना की सुनामी नहीं आती। रेमडेसिविर को लेकर जागरूकता के लिए सरकार को जनता के नाम एक सार्वजनिक पत्र लिखने की हाई कोर्ट ने सलाह दी है। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं न्यायमूर्ति जेबी कारिया की खंडपीठ ने सरकार से रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर उत्पन्न स्थिति पर सफाई मांगी। 

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