जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) को बड़ी सफलता मिली है। दक्षिण कश्मीर में 20 स्थानों पर छापेमारी कर स्लीपर सेल मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया है। इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
स्लीपर सेल पर एसआईए की बड़ी कार्रवाई
एसआईए ने एक बयान में जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस उन आतंकवादी सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) पर कड़ी नजर रख रही है जो कश्मीर में सक्रिय हैं। तकनीकी खुफिया सूत्रों से पता चला कि ये स्लीपर सेल सीधे पाकिस्तान में बैठे आकाओं से जुड़े हुए थे। ये लोग सुरक्षा बलों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी को व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप के माध्यम से भेज रहे थे।
लश्कर और जैश के नेटवर्क का भंडाफोड़
जानकारी के अनुसार, ये आतंकी सहयोगी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कमांडरों के इशारे पर ऑनलाइन कट्टरपंथी प्रचार में भी शामिल थे। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा था।
20 ठिकानों पर छापेमारी, संदिग्ध हिरासत में
दक्षिण कश्मीर के विभिन्न जिलों में एसआईए ने करीब 20 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये संदिग्ध आतंकवादी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सांप्रदायिक तनाव फैलाने का प्रयास कर रहे थे।
भारत ने दिया पहलगाम हमले का कड़ा जवाब
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस नृशंस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर
सुरक्षा बलों ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और उसके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) का कहना है कि कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।