भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बैठक में मौजूद होने का आश्वासन नहीं देते, तब तक राजनीतिक दल इसमें शामिल न हों। साथ ही, सिब्बल ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर आज मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते तो वे न केवल बैठक में शिरकत करते बल्कि विशेष सत्र भी बुलाते।
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर उठाए सवाल
कपिल सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप ने सैन्य शत्रुता रोकने को एक “ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण निर्णय” बताया है। सिब्बल ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले 48 घंटों से बातचीत चलने का दावा किया है, लेकिन देश को इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने एनएसए अजीत डोवाल से बात की है, जो कई सवाल खड़े करता है।
विशेष संसद सत्र की अपील
सिब्बल ने कहा कि यह समय आलोचना का नहीं है, बल्कि सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर विशेष संसद सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि जब तक सरकार यह भरोसा नहीं देती कि प्रधानमंत्री खुद बैठक में शामिल होंगे, तब तक कोई भी दल इसमें भाग न ले।
प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी पर नाराजगी
कपिल सिब्बल ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि अगर डॉ. मनमोहन सिंह आज प्रधानमंत्री होते, तो वे निश्चित रूप से इस बैठक में शामिल होते। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का बिहार चुनाव और बॉलीवुड कार्यक्रमों में जाना, लेकिन मणिपुर जैसी घटनाओं पर न जाना, समझ से परे है।
सशस्त्र बलों की सराहना
पूर्व कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश ने एकजुट होकर कहा कि अब बहुत हो चुका है और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के बाद आई, जिसमें सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने पर सहमति बनी है।