अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक्स प्रोफाइल पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी साझा की, लेकिन उनका अंदाज और भाषा सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बन गई। ट्रंप के बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है, जिसमें कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की घोषणा सबसे पहले अमेरिका ने क्यों की।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में न सिर्फ सीजफायर की बात की बल्कि दोनों देशों के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने का भी जिक्र किया। इस पर कई लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। भारत ने हमेशा कश्मीर मसले पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकारा है। इसके बावजूद ट्रंप ने एक बार फिर मध्यस्थता का सुझाव देकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाबा नागार्जुन की कविता की प्रासंगिकता
इस पूरे घटनाक्रम ने हिंदी के प्रख्यात कवि बाबा नागार्जुन की एक पुरानी कविता को फिर से प्रासंगिक बना दिया है। उनकी कविता “सौंदर्य प्रतियोगिता” में मछलियों के बीच सौंदर्य की स्पर्धा को सुलझाने के बहाने कछुए की खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की कोशिश का व्यंग्यात्मक चित्रण है। कविता में कछुआ, जो खुद को सबसे सुंदर बताता है, मछलियों की बीच की स्पर्धा को खत्म करने की बजाय खुद को केंद्र में लाने की चतुराई करता है।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की सटीक कार्रवाई ने भी यह दिखा दिया कि भारत अपने हितों की रक्षा खुद कर सकता है।
ट्रंप की मध्यस्थता की मंशा पर सवाल
ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव देते हुए लिखा कि भारत-पाक संघर्ष में लाखों निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी। उन्होंने दोनों देशों के नेतृत्व से बातचीत कर समाधान निकालने की इच्छा भी जताई। इस बयान से स्पष्ट है कि ट्रंप फिर से कश्मीर मुद्दे पर अपनी भूमिका दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भारत का रुख हमेशा साफ रहा है कि वह कश्मीर पर किसी बाहरी मध्यस्थता को नहीं मानता।