चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव अब कम होता हुआ दिखाई दे रहा है, और दोनों देशों ने जेनेवा में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत एक दूसरे पर लगाए गए टैरिफ में कटौती की गई है। अमेरिका ने चीन से आयातित सामान पर 145% टैक्स को घटाकर 30% करने का निर्णय लिया है, वहीं चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125% के बजाय केवल 10% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। इसके बाद, चीन ने अमेरिकी एयरक्राफ्ट निर्माता बोइंग पर से लगाए गए बैन को हटा दिया है, जिससे न केवल बोइंग बल्कि भारत को भी लाभ हो सकता है।
चीन द्वारा बोइंग पर लगाए गए बैन को हटाने के बाद, अब चीनी एयरलाइंस को बोइंग के विमान फिर से मिलेंगे। इससे भारतीय विमानन कंपनियों को भी फायदा होगा क्योंकि एयर इंडिया ने बोइंग से विमान खरीदने का ऑर्डर दिया है। चीनी कंपनियों से डिलीवरी फिर से शुरू होने के कारण बोइंग का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे भारत को भी डिलीवरी में कोई रुकावट नहीं आएगी।
चीन के अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से विमानों की खरीदारी पर लगी रोक के कारण दोनों देशों के बीच 50 विमानों की डिलीवरी रुक गई थी। अब इस समस्या का समाधान हो जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 20 वर्षों में वैश्विक एयरक्राफ्ट डिमांड का 20% हिस्सा चीन से आएगा, और 2018 में बोइंग ने अपने उत्पादन का एक चौथाई हिस्सा चीन को बेचा था। हालांकि, व्यापारिक तनाव और बोइंग के कुछ अंदरूनी संकटों ने कंपनी को प्रभावित किया, जिनमें 2019 में 737 मैक्स विमान के दो बड़े हादसे शामिल हैं।