‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेलर था, समय आने पर पूरी फिल्म दिखाएंगे: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात स्थित भुज एयरफोर्स स्टेशन का दौरा किया। यह वही एयरबेस है जिसे पिछले सप्ताह पाकिस्तान की ओर से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन भारतीय सेना ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। यह दौरा जम्मू-कश्मीर की हालिया यात्रा और नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के ठीक एक दिन बाद हुआ। भुज में संवाददाताओं से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल की शक्ति को आज पूरी दुनिया जान चुकी है। पाकिस्तान पर इसका प्रभाव विध्वंसक रहा है।

“देश के वीरों को नमन”
अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने घायल सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भुज की धरती पर आकर उन्हें अपार गर्व की अनुभूति हो रही है। यह वही भूमि है जो 1965 और 1971 के युद्धों में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत की गवाह रही है, और आज फिर से इसने भारत की विजयगाथा में अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि भुज की मिट्टी में देशभक्ति की महक रची-बसी है और यहां के सैनिकों के भीतर देश की सुरक्षा का अडिग संकल्प है।
उन्होंने भारतीय वायुसेना, थलसेना और सीमा सुरक्षा बल के सभी वीर सैनिकों को सैल्यूट करते हुए उनकी बहादुरी को सलाम किया।

भारत की सीमाएं आप सभी की मजबूत भुजाओं में पूरी तरह से सुरक्षित’
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी कल ही मैं श्रीनगर में सेना के अपने वीर जवानों से मिलकर लौटा हूं। आज मुझे आपके बीच आने का अवसर मिला है। कल मैं भारत के उत्तरी भाग में जवानों से मिला। आज मैं भारत के पश्चिमी भाग में वायु योद्धाओं और जवानों से मिल रहा हूं। दोनों ही मोर्चों पर उच्च र्जा और हाई जोश देखकर मैं फिर से आश्वस्त हो गया हूं कि भारत की सीमाएं आप सभी की मजबूत भुजाओं में पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो कुछ किया, उसने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। मैं यह कहूं तो गलत नहीं होगा, कि जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों का निपटारा कर दिया। आपने दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर जो मिसाइलें गिराईं, उसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी और वास्तव में वह गूंज, सिर्फ मिसाइलों की ही नहीं थी, वह गूंज आपके शौर्य और भारत के पराक्रम की थी।’

IAF ने  शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई ऊंचाइयों को छुआ’
राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है कि हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है, यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही यहीं से उनके हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद, आतंकवाद के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। बाद में की गई कारवाई में उनके अनेक एयरबेस तबाह कर दिए।

भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी’
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है। आपने नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया है। यह संदेश है कि अब भारत केवल विदेशों से इंपोर्ट किए गए हथियारों और प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नहीं है,बल्कि भारत में बने अस्त्र और शस्त्र भी हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं। अब भारत में बने और भारतीय हाथों से बने हथियार भी अचूक और अभेद हैं, यह पूरे विश्व ने देख लिया है।

IMF की मदद पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि आपने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ प्रभावी कारवाई की मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा किया जाए। वहां की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स, ‘जैश ए मुहम्मद’ जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपए देने में खर्च करेगी। जबकि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी घोषित है।  इतना ही नहीं, ‘लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद’ के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने के एलान किया है। निश्चित रूप से IMF से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को आतंकी ढांचे को फंड करने में इस्तेमाल होगा। क्या यह IMF द्वारा जो कि एक अतंरराष्ट्रीय संगठन द्वारा परोक्ष फंडिंग नहीं माना जाएगा? 

‘आर्थिक सहायता आतंक के लिए फंडिंग से कम नहीं’
राजनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता आतंक के लिए फंडिंग से कम नहीं है। भारत यही चाहेगा कि IMF पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की मदद पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी भी तरह की सहायता देने से परहेज करे। भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम IMF को करते हैं, वह प्रत्यक्ष या परोक्ष किसी भी तरीके से पाकिस्तान या किसी भी देश में आतंकी ढांचे को बनाने में इस्तेमाल की जाए।

‘मेरे शब्द आपके कार्यों को मापने में असमर्थ’
उन्होंने कहा कि आपने जो पराक्रम दिखाया, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। आज भारत को वैश्विक मंच पर जो सम्मान मिल रहा है, उसकी बुनियाद में आपका यही पराक्रम है। यही कारण है कि भारत का बच्चा-बच्चा आपको, अपना आदर्श मानता है। आपने पूरे देश को यकीन दिलाया है, कि नया भारत अब सहन नहीं करता, बल्कि वह पलटकर जवाब देता है। मैं चाहे जितना कुछ भी बोलूं, लेकिन मेरे शब्द आपके कार्यों को मापने में असमर्थ होंगे। मैं कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से आप सबके प्रति आभार व्यक्त करने आया हूं।

निसिचर हीन करउं महि, भुज उठाइ पन कीन्ह’
राजनाथ ने कहा कि अब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई, केवल सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन चुकी है। हम आपके साथ मिलकर इस हाइब्रिड और प्रॉक्सी युद्ध को जड़ से समाप्त करेंगे। हम, हमारे आराध्य श्रीराम के उस मार्ग का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें वह आसुरी शक्तियों के विनाश का प्रण लेते हैं। ‘निसिचर हीन करउं महि, भुज उठाइ पन कीन्ह।’ अर्थात जिस प्रकार भगवान राम ने अपनी भुजाओं को उठाकर, धरती को राक्षस विहीन करने का प्रण लिया था। ठीक उसी प्रकार, प्रभु श्री राम के आदर्शों का पालन करते हुए हमने भी आतंकवाद को, जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है।  

‘हमारी संप्रभुता को यदि कोई नुकसान पहुंचाएगा तो वह प्रहार भी झेलेगा’
उन्होंने कहा कि आप सब तो जानते ही होंगे, कि भारत में जब भी कोई उपद्रवी तत्व होता है, जिसको लेकर यह आशंका रहती है, कि यह भविष्य में कुछ उपद्रव कर सकता है, तो उसको मजिस्ट्रेट और पुलिस की ओर से अच्छे बर्ताव के परिवीक्षा (probation) पर रखा जाता है। अगर वह व्यक्ति परिवीक्षा के दौरान कोई भी शरारत करता है, तो उसे उचित दंड दिया जाता है। ठीक उसी तरह, वर्तमान संघर्ष विराम में हमने पाकिस्तान को बर्ताव के आधार पर अभी परिवीक्षा पर रखा हुआ है। यदि उसका बर्ताव सुधरता है, तब तो ठीक और यदि परिवीक्षा में फिर से गड़बड़ी आती है, तो उसको कड़े से कड़ा दंड दिया जाएगा। मैं दोहरा रहा हूं कि पाकिस्तान को हमने परिवीक्षा पर रखा है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक बात बहुत साफ कही है, कि आतंक पर प्रहार अब न्यू नॉर्मल है। ये नए भारत का न्यू नॉर्मल है। अब हमने यह साफ कर दिया है कि हमारी संप्रभुता को यदि कोई नुकसान पहुंचाएगा तो वह प्रहार भी झेलेगा। आतंकवाद का हम कड़ा और दमदार जवाब देंगे।

बीते दिन किया था जम्मू-कश्मीर दौरा
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 मई को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था और वहां की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया था। श्रीनगर के बडामी बाग कैंटोनमेंट में सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को नए सिरे से परिभाषित किया है। अब भारत की नीति है कि भारतीय जमीन पर कोई भी हमला युद्ध माना जाएगा।’ उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की अब तक की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई बताया और कहा, ‘ये केवल बचाव नहीं था, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर किया गया जवाब था। आतंकियों ने हमारे लोगों को धर्म देखकर मारा, हमने उन्हें उनके कर्मों की सजा दी। यह हमारा धर्म था।’

ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें एयर बेस, रडार साइट्स, और कमांड सेंटर शामिल हैं।

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