विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसदीय समिति को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष की जानकारी दी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
मिस्री ने समिति को बताया कि पहलगाम हमले की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आतंकियों ने पाकिस्तान में मौजूद मास्टरमाइंड से संपर्क किया था। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वांछित आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और भारत के खिलाफ हिंसा फैला रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादियों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के गठजोड़ पर भी चिंता जताई।
मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष पारंपरिक दायरे में ही रहा और पाकिस्तान की ओर से परमाणु संकेत नहीं मिला। उन्होंने बताया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था और इसमें अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं था।
संसदीय समिति ने विदेश सचिव को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने की निंदा की और उनके पेशेवर आचरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई है।