गोमती नदी में डूबे तीन युवकों के शव घर पहुंचे, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

लखनऊ के मड़ियांव घैला पुल के पास गोमती नदी में नहाने के दौरान डूबे तीन युवकों के शव सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचे। ठाकुरगंज के समनान गार्डेन के निवासी एजाज (18), हमजा (18) और शमी (20) के शव देख कर परिजन दहाड़ें मार कर रोने लगे। घरों पर जमा सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं। शाम को तीनों दोस्तों को कैंपवेल रोड स्थित असियामऊ कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

जनाजे में उमड़ी भीड़

तीनों युवकों के घर आसपास ही थे, इसलिए उनके जनाजे में शामिल होने के लिए धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई। मोहल्ले की गलियों में भारी भीड़ जमा हो गई। तीनों के शव एक साथ घर पहुंचने पर पूरे इलाके में मातम पसर गया। परिजन गमगीन थे और रो-रोकर बेहाल थे। रिश्तेदारों और आसपास के लोगों ने परिवार को संभालने की कोशिश की। शाम पांच बजे सभी का अंतिम संस्कार किया गया।

बिजली न होने के कारण काम से लौट आया था एजाज

एजाज के पिता रईस ने बताया कि वे बर्तन बेचने का काम करते हैं। बीमार होने के बाद एजाज ने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और पीवीसी बैनर बनाने का काम करने लगा था। रविवार को वह बुद्धेश्वर इलाके में काम पर गया था। बिजली चले जाने के कारण दोपहर एक बजे घर लौट आया और गली में बैठ गया। कब वहां से निकल गया, किसी को पता ही नहीं चला।

वाटर पार्क जाने की बात कहकर निकला था शमी

शमी के भाई अजहर ने बताया कि शमी बालागंज में टाइल्स की दुकान पर काम करता था। रविवार को छुट्टी होने के कारण उसने वाटर पार्क जाने की बात कही और दोपहर करीब दो बजे घर से निकल गया। करीब तीन बजे उसके ताऊ के बेटे सुल्तान के पास फोन आया कि शमी गोमती नदी में डूब गया है।

दरोगा बनने का सपना देखता था हमजा

हमजा के भाई तहा ने बताया कि हमजा ने इसी साल बारहवीं पास की थी और स्नातक में दाखिला लिया था। उसका सपना दरोगा बनने का था। सात साल पहले माता-पिता का निधन हो गया था। तहा ने ही हमजा की पढ़ाई का जिम्मा उठाया था। परिवार में दो भाई यासीन, तल्हा और बहन अल्फिशा हैं।

नदी में नहाने के दौरान डूबे तीनों दोस्त

रविवार दोपहर करीब दो बजे एजाज, हमजा और शमी एक ही स्कूटी से गोमती नदी में नहाने गए थे। साथ में आफताब, रहमान और आरिफ भी एक बाइक से वहां पहुंचे थे। नहाते समय शमी, एजाज और हमजा गहरे पानी में चले गए और डूबने से उनकी मौत हो गई। रहमान, आरिफ और आफताब ने बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। घबराकर तीनों घर लौटे और घटना की सूचना दी।

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