यूपी एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में रामपुर जिले के टांडा क्षेत्र निवासी शहजाद को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मसालों के व्यापार के बहाने वह कई बार पाकिस्तान गया और वहां आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में आया। धीरे-धीरे वह उनके प्रभाव में आकर जासूसी गतिविधियों में शामिल हो गया।
एटीएस ने दो महीने से उसकी गतिविधियों पर नजर रखी थी और उसके फोन को सर्विलांस पर लेकर आईएसआई एजेंट्स के साथ बातचीत के सबूत जुटाए। इसके बाद उसे मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।
21 संदिग्धों की जांच, चार महिलाएं भी शामिल
सूत्रों के अनुसार शहजाद के संपर्क में रामपुर और मुरादाबाद के लगभग 21 लोग थे, जिनमें चार महिलाएं भी हैं। बताया जा रहा है कि उसने कुछ भारतीय मोबाइल सिम कार्ड आईएसआई एजेंटों को उपलब्ध कराए, जिनका इस्तेमाल जासूसी में किया गया। फिलहाल एटीएस इन सभी संदिग्धों की गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है, हालांकि अभी तक किसी अन्य को हिरासत में नहीं लिया गया है।
धार्मिक भावनाओं के नाम पर युवाओं को जोड़ने की कोशिश
एजेंसियों को शक है कि शहजाद ने धर्म का हवाला देकर कई युवाओं को अपने नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश की और कुछ को आईएसआई एजेंटों से मिलवाया भी। उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा होने के बाद एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 31 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। टीम जल्द ही उसकी रिमांड मांगकर और पूछताछ करेगी।
परिवार से भी पूछताछ, दस्तावेजों की जांच जारी
गिरफ्तारी के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां शहजाद के परिवार से पूछताछ कर रही हैं। उसके कॉल रिकॉर्ड, पासपोर्ट और वीजा से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसके संपर्क में आए अन्य लोग किस हद तक जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हैं।