प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोना तस्करी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत गुरुवार को भी कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर से संबंधित स्थानों पर तलाशी अभियान जारी रखा। यह कार्रवाई अभिनेत्री रान्या राव और अन्य के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीमों ने सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज और सिद्धार्थ कॉलेज जैसे कई शिक्षण संस्थानों में तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया। बुधवार को भी एजेंसी ने राज्य के 16 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की थी, जिनमें हवाला नेटवर्क और शेल कंपनियों से जुड़े ऑपरेटर शामिल थे। इन पर मंत्री से जुड़ी बैंकिंग लेन-देन में गड़बड़ी करने का संदेह है।
ईडी ने यह मामला कुछ महीने पहले पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के अंतर्गत दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने CBI और DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) की ओर से दायर की गई शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की थी। जांच में संदेह है कि एक शैक्षणिक ट्रस्ट ने वित्तीय गड़बड़ी करते हुए मंत्री राव के क्रेडिट कार्ड बिल का 40 लाख रुपये का भुगतान किया था।
3 मार्च को दुबई से लौटने पर राव को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डीआरआई ने गिरफ्तार किया था। उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था, जिसकी बाजार कीमत लगभग 12.56 करोड़ रुपये बताई गई थी।
हाल ही में राव और उनके सहयोगी तरुण कोंडारू राजू को बेंगलुरु की आर्थिक अपराध अदालत ने ज़मानत दे दी। अदालत ने यह फैसला डीआरआई द्वारा तय समय में चार्जशीट दाखिल न करने के कारण सुनाया। हालांकि, राव को फिलहाल हिरासत से रिहाई नहीं मिल पाएगी क्योंकि उनके खिलाफ COFEPOSA के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। यह कानून मनी लॉन्ड्रिंग और तस्करी के मामलों में निवारक गिरफ्तारी की अनुमति देता है और इसके तहत एक व्यक्ति को बिना मुकदमे के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ईडी की टीमों ने हमारे शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और अकाउंट विभाग से जानकारी मांगी। मैंने अपने स्टाफ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे ईडी को पूरा सहयोग दें और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं।”