बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस पर बढ़ता दबाव, सेना और कोर्ट से मिल रहे झटके

बांग्लादेश में अंतरिम चीफ एडवाइज़र मोहम्मद यूनुस के खिलाफ माहौल बनता नज़र आ रहा है। एक ओर जहां सेना प्रमुख जनरल जमान ने साफ संकेत दिए हैं कि दिसंबर 2024 तक आम चुनाव कराना ज़रूरी है, वहीं दूसरी ओर ढाका मेयर पद के उम्मीदवार इशराक को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

इशराक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) से जुड़े हैं, और पार्टी का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर शपथ ग्रहण से रोका गया। यूनुस पर इस मामले को लेकर विपक्ष पहले ही तीखे हमले कर चुका है। अब अदालत से इशराक को मिली राहत को यूनुस की कमजोर होती स्थिति के रूप में देखा जा रहा है।

सेना और यूनुस के बीच बढ़ता टकराव

अगस्त 2024 में शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिनका प्राथमिक कार्य जल्द चुनाव कराना था। लेकिन यूनुस पर आरोप लगते रहे हैं कि वे अंतरिम सरकार को स्थायी शासन की तरह चला रहे हैं।

हाल ही में ऐसी तीन घटनाएं सामने आई हैं जो यूनुस और सेना प्रमुख जनरल जमान के बीच मतभेद को दर्शाती हैं। 11 मई को जनरल जमान की अमेरिका यात्रा यूनुस ने विदेश मंत्रालय के ज़रिए रद्द करवा दी। वहीं, दो बार जमान को पद से हटाने की कोशिशें भी सामने आईं, हालांकि सेना में जमान की मजबूत पकड़ के चलते ये प्रयास असफल रहे।

इसके बाद यूनुस ने उनके विरोधी खलीलुर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बना दिया, जिससे साफ है कि सत्ता के गलियारों में बड़ा खेल चल रहा है।

राजनीतिक संकट गहराने के संकेत

हाई कोर्ट से इशराक को मिली राहत, सेना प्रमुख का सख्त रुख और विपक्षी दलों का सड़कों पर उतरने का ऐलान—ये सभी संकेत दे रहे हैं कि यूनुस की स्थिति कमजोर होती जा रही है। अगर उन्होंने समय पर चुनाव नहीं कराए, तो उनके लिए आगे की राह बेहद कठिन हो सकती है।

BNP पहले ही आंदोलन का ऐलान कर चुकी है और अब सेना की बातों से लगता है कि यूनुस को अपनी कुर्सी बचाना आसान नहीं रहेगा। वहीं अदालतों से भी उन्हें अब तक कोई ठोस राहत नहीं मिल पाई है।

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