दुनिया भर में अनुभवी क्रिकेटर्स के संन्यास लेने का सिलसिला जारी है। हाल ही में विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अब भारत के पूर्व लेग स्पिनर पीयूष चावला ने भी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट छोड़ने का निर्णय लिया, जबकि दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ हेनरिक क्लासेन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को ही विदा कह दिया।
पीयूष चावला, जो 37 वर्ष के हैं, ने शुक्रवार 6 जून को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक संदेश जारी करते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “करीब दो दशक तक इस खेल से जुड़े रहने के बाद अब वक्त आ गया है कि मैं क्रिकेट को अलविदा कहूं।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका यह फैसला सभी प्रारूपों और स्तरों पर लागू होगा।
दो वर्ल्ड कप विजेता टीमों का हिस्सा
चावला भारतीय क्रिकेट के सुनहरे पलों का हिस्सा रहे हैं। वे 2007 की T20 वर्ल्ड कप और 2011 की वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीमों का हिस्सा थे। हालांकि, 2007 में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था और उन्होंने अपना टी20 डेब्यू वर्ष 2010 में किया था। 2011 के विश्व कप में उन्होंने तीन मुकाबले खेले और चार विकेट अपने नाम किए। हालांकि फाइनल मैच में वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए थे।
IPL में शानदार सफर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही उनका करियर सीमित रहा हो, लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। पीयूष चावला ने 2008 में लीग की शुरुआत से लेकर 2024 तक का सफर तय किया। वे पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस जैसे फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहे। विशेष रूप से 2014 में कोलकाता को खिताब दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने IPL करियर में उन्होंने 192 मैचों में 192 विकेट झटके, जो उन्हें लीग के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक बनाते हैं।
करियर की शुरुआत और सचिन को किया था क्लीन बोल्ड
पीयूष चावला ने बहुत कम उम्र में ही क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बना ली थी। 15 साल की उम्र में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो बार इस प्रतियोगिता का हिस्सा बने। लेकिन उन्हें असली पहचान तब मिली जब 17 साल की उम्र में चैलेंजर ट्रॉफी के एक मैच में उन्होंने दिग्गज बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर को अपनी गुगली से बोल्ड कर सभी का ध्यान खींचा। अपने करियर में उन्होंने कुल 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 43 विकेट लिए।