राजगीर में राहुल गांधी का हमला: संविधान पर संकट, जातीय जनगणना से डरती है बीजेपी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को राजगीर पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश दो विचारधाराओं की लड़ाई का गवाह बन रहा है—एक तरफ गांधी और बुद्ध के विचार हैं, तो दूसरी ओर सावरकर और गोडसे की सोच।

उन्होंने कहा, “संविधान की नींव बुद्ध के सिद्धांतों पर रखी गई है, जिसे आरएसएस खत्म करना चाहता है। यह लड़ाई आज की नहीं है, यह हजारों वर्षों से चली आ रही है। लेकिन हमें डरने की जरूरत नहीं, बल्कि मिलकर संविधान और सच्चाई की रक्षा करनी है—और इस लड़ाई में बिहार की भूमिका अहम है।”

‘मोदी सरेंडर करते हैं, हम लड़ते हैं’
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी जी में दबाव झेलने की ताकत नहीं है, जैसे ही थोड़ा दबाव आता है, वे पीछे हट जाते हैं। ट्रंप ने 11 बार कहा कि उन्होंने मोदी से समझौता करा लिया, और प्रधानमंत्री उसका खंडन तक नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वो बात सच है।”

उन्होंने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी दुख झेल रही है, लेकिन उन्हें सत्ता में कोई भागीदारी नहीं है। “मैं देश की सच्चाई को समझना चाहता हूं, इसलिए इसे एक्स-रे करने निकला हूं,” उन्होंने कहा।

जातीय जनगणना को लेकर फिर उठी मांग
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री एक ओर कहते हैं कि भारत में जाति नहीं है, फिर वे खुद ओबीसी कैसे हैं? उन्होंने दो टूक कहा, “जातीय जनगणना मेरी प्राथमिकता है। संसद में मैंने मोदी जी की आंखों में आंख डालकर कहा है कि यह जनगणना होकर रहेगी।”

उन्होंने केंद्र की ओर से जारी जातीय सर्वेक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो सर्वे किया जा रहा है, वह वास्तविक नहीं है। “यदि असली जातीय आंकड़े सामने आ जाएं, तो भाजपा की राजनीति ही खत्म हो जाएगी,” उन्होंने कहा।

राहुल गांधी ने बीजेपी और तेलंगाना मॉडल की तुलना करते हुए कहा कि बीजेपी के मॉडल में सर्वेक्षण के प्रश्न चंद अधिकारियों ने बंद कमरे में तय किए, जिनमें देश की बहुसंख्यक आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।

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