देश के विदेशी मुद्रा भंडार में मई के अंतिम सप्ताह में गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.237 अरब डॉलर कम होकर 691.485 अरब डॉलर रह गया।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भले ही भंडार में कमी आई है, फिर भी यह देश के 11 महीने के आयात और लगभग 96 प्रतिशत बाहरी ऋण की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और इसमें लगातार सुधार हो रहे हैं, जिससे देश अपनी बाहरी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो विदेशी मुद्रा भंडार का मुख्य हिस्सा हैं, 584.215 अरब डॉलर पर पहुंच गई हैं। इसके साथ ही, देश के सोने का भंडार 84.305 अरब डॉलर तक बढ़ गया है। आरबीआई समेत कई केंद्रीय बैंक अपने भंडार में सुरक्षित निवेश के रूप में सोना शामिल कर रहे हैं। आरबीआई के भंडार में सोने की मात्रा 2021 के बाद लगभग दोगुनी हो चुकी है।
हालांकि भंडार में साप्ताहिक मामूली गिरावट हुई है, फिर भी यह सितंबर 2024 में आए 704.89 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर के नजदीक बना हुआ है। 2023 में भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 अरब डॉलर का इजाफा किया, जबकि 2022 में यह भंडार 71 अरब डॉलर घटा था। 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 20 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।