भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने चीन के सैन्य हथियारों की कमजोरियां उजागर कर दी हैं, जिससे पाकिस्तान अपने प्रमुख रक्षा साझेदार से असंतुष्ट हो गया है। चीन-निर्मित HQ-9B और HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को रोकने में असफल साबित हुए। खासतौर पर पाकिस्तान के पंजाब में स्थित YLC-8E रडार सिस्टम भी भारत के सटीक हमलों में तबाह हो गया।
चीनी कंपनियों ने माना कि ब्रह्मोस जैसी तेज़ और कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलें उनके सिस्टम के दायरे से बाहर हैं, जबकि पाकिस्तानी अधिकारियों का आरोप है कि उन्हें पहले इस सीमा की जानकारी नहीं दी गई थी।
चीन पर यह स्थिति भारी पड़ रही है क्योंकि पाकिस्तान अपने हथियारों का करीब 82% आयात इसी पर निर्भर है। अब पाकिस्तान बेहतर विकल्पों की तलाश में है और तुर्की के SİPER एयर डिफेंस सिस्टम में रुचि दिखा रहा है, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और बेहतर रडार क्षमताओं के लिए बेहतर माना जाता है।
तीन गुना ध्वनि से तेज़ चलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को रोक पाना दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस विवाद ने पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है।