रामनगरी अयोध्या के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ हुई लापरवाही ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को सीएचसी की महिला डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके कारण, स्थानीय महिलाओं को सड़क किनारे झाड़ियों के पास साड़ी से घेरा बनाकर उसका प्रसव कराना पड़ा। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने आरोपी डॉक्टर को हटा दिया है और पूरे मामले की जांच के आदेश भी जारी किए हैं।
यह घटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेरनपुर, रुदौली की है। बहरास गांव की राजकुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के सदस्य उसे सीएचसी रुदौली लेकर गए थे। महिला डॉक्टर ने खून की कमी की बात कहकर उसे जिला अस्पताल भेज दिया। परिवार ने निजी वाहन की व्यवस्था कर 40 किलोमीटर दूर अयोध्या जिला अस्पताल के लिए रवाना किया।
रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने पर परिवार ने उसे एक पेड़ के नीचे बिठाया, जहां आसपास की महिलाएं मदद के लिए आईं। उन्होंने साड़ी से घेरा बनाकर सड़क किनारे झाड़ियों के पास सुरक्षित रूप से बच्चे का जन्म कराया। वर्तमान में मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं।
इस मामले को सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बनियान ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सीएचसी रुदौली की महिला डॉक्टर डॉ. अंजू जायसवाल को हटा कर सीएचसी मवई में तबादला कर दिया है। साथ ही, डॉ. अंजू के खिलाफ जांच भी शुरू की गई है। जांच में पता चला कि डॉक्टर ने एनीमिया का हवाला देकर महिला को जिला अस्पताल रेफर किया था, जिससे समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाया।
डॉ. अंजू की जगह पर अब सीएचसी मवई की डॉक्टर रीना मिश्रा को रुदौली भेजा गया है।