केंद्र के विशेष पैकेज से बदली बिहार की सूरत, नीतीश ने जताया आभार

बिहार के 16 स्थानों पर 7.25 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले आधुनिक साइलो का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 652.5 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज के बाद राज्य में विकास कार्यों को नई दिशा और रफ्तार मिली है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बिहार को आत्मनिर्भर बनाते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना है।

केंद्र के विशेष सहयोग से विकास को मिला बल

डबल इंजन सरकार के प्रयासों से बिहार में कौशल विकास, कृषि, मत्स्य पालन और भंडारण क्षमता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कुछ अंतिम चरण में हैं।

कौशल विकास योजना में लक्ष्य से कई गुना ज्यादा प्रशिक्षण

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत राज्य में 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक 6.33 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस पर लगभग 508.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, ऊर्जा क्षेत्र में भी 11,894 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जिस पर 14.75 करोड़ रुपये व्यय हुए।

कृषि अनुसंधान को मिला बढ़ावा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा पूसा को 2016 में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। इसके साथ ही मोतिहारी में एकीकृत खेती प्रणाली पर आधारित राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना हुई, जिस पर 62.25 करोड़ रुपये खर्च हुए।

मत्स्य पालन में सुधार के लिए ब्लू रेवोल्यूशन

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत तालाबों का निर्माण, बीज उत्पादन केंद्र और मछुआरों के आवास बनाए गए, जिन पर लगभग 31.96 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अतिरिक्त, 5.13 करोड़ की लागत से मछली रोग निदान प्रयोगशाला और खुदरा मछली बाजार जैसी परियोजनाएं भी अंतिम चरण में हैं।

कृषि विकास और जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान

राज्य में 32,577 हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था लागू की गई है, जिस पर 165.96 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वहीं कृषि यंत्रीकरण के लिए 117.67 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। हालांकि, बीज परियोजना से संबंधित 16.7 करोड़ रुपये राज्य सरकार को वापस करने पड़े।

भंडारण क्षमता में बढ़ोतरी और साइलो निर्माण

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की योजनाओं के तहत 25 स्थानों पर 2.84 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों का निर्माण किया गया है, जिन पर 247.64 करोड़ रुपये खर्च हुए। दरभंगा, समस्तीपुर और कटिहार में 1.50 लाख मीट्रिक टन क्षमता के साइलो भी बनाए गए हैं, जिनकी लागत 135 करोड़ रुपये है।

पीईजी योजना के तहत जारी है गोदाम निर्माण

सीतामढ़ी, शेखपुरा, आरा, गोपालगंज, सहरसा, नालंदा, हाजीपुर और समस्तीपुर में पीईजी योजना के अंतर्गत 1.20 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले आठ गोदामों का निर्माण चल रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 104.7 करोड़ रुपये है।

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