‘कुंभ से कोविड तक, आंकड़ों में नहीं दिखती गरीबों की मौत’- राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने हालिया बीबीसी रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि कुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ में मरने वालों की सही संख्या को छुपाया गया, जैसे कोविड काल में गरीबों की मौतों को आंकड़ों से गायब कर दिया गया था। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यही भारतीय जनता पार्टी का मॉडल है—अगर गरीबों को गिना ही नहीं जाएगा, तो उनकी मौतों की जिम्मेदारी भी नहीं ली जाएगी।

बीबीसी रिपोर्ट का दावा—सरकारी आंकड़ों से ज्यादा हुई थीं मौतें

बीबीसी की विशेष जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की जान गई थी, जबकि आधिकारिक आंकड़ों में यह संख्या केवल 37 बताई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि इस पड़ताल के लिए टीम ने 11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों का दौरा कर 100 से ज्यादा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, जिसमें सामने आया कि कई मौतों को रिपोर्ट ही नहीं किया गया।

महाकुंभ की भगदड़—मौनी अमावस्या की रात मचा था हड़कंप

यह हादसा 28-29 जनवरी की दरम्यानी रात हुआ था, जब मौनी अमावस्या के मौके पर भारी भीड़ अमृत स्नान के लिए संगम तट पर पहुंची थी। भीड़ के दबाव में बैरिकेड टूट गए और भगदड़ की स्थिति बन गई। इस त्रासदी में दर्जनों लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए थे। सरकारी तौर पर 37 मौतों की पुष्टि की गई थी, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और रिपोर्ट्स के अनुसार वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।

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