राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। केरल और गुजरात के बाद दिल्ली देश में सबसे अधिक सक्रिय कोरोना मामलों वाला तीसरा राज्य बन गया है। फिलहाल यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 750 से अधिक हो चुकी है।
24 घंटे में 66 नए मामले, 90 मरीज हुए स्वस्थ
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान 66 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई, जबकि 90 मरीजों ने संक्रमण से उबर कर स्वस्थ होने में सफलता पाई। राहत की बात यह रही कि इस अवधि में कोई भी मौत दर्ज नहीं की गई। हालांकि इस वर्ष की शुरुआत से अब तक राजधानी में कोरोना संक्रमण से कुल आठ लोगों की जान जा चुकी है। वहीं जनवरी 2025 से अब तक कोरोना के कुल 1322 मामले सामने आ चुके हैं।
दिल्ली में कोरोना के 757 सक्रिय केस
दिल्ली में मौजूदा समय में कोरोना के 757 सक्रिय मरीज हैं। अन्य राज्यों की स्थिति देखें तो केरल में 2223, गुजरात में 1223, पश्चिम बंगाल में 747 और महाराष्ट्र में 615 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं। संक्रमित मरीजों में सामान्यत: खांसी, बुखार और सर्दी जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं, लेकिन गंभीर लक्षणों की स्थिति में कुछ मामलों में बुजुर्गों, महिलाओं और नवजातों की मृत्यु की सूचना भी मिली है। चिकित्सक संक्रमण को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
अस्पतालों में जारी है मास्क की एडवाइजरी
स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों को मास्क पहनने की सलाह पहले से दी जा रही है। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अस्पताल परिसर में एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं।
रैपिड एंटीजन किट की कमी, RT-PCR से हो रही जांच
वर्तमान में अस्पतालों में कोरोना जांच मुख्य रूप से आरटी-पीसीआर विधि से की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जा रही है। एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक के अनुसार, कोरोना की जांच के लिए नाक और गले से सैंपल लिया जाता है, लेकिन त्वरित जांच के लिए उपयोगी रैपिड एंटीजन टेस्ट किट अभी उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। हालांकि, आरटी-पीसीआर जांच अधिक विश्वसनीय मानी जा रही है और निजी प्रयोगशालाएं भी इसी विधि से रिपोर्ट जारी कर रही हैं।