ईपीएफओ 3.0 से बदलेगा पीएफ अनुभव: जून से ₹5 लाख तक के क्लेम होंगे ऑटो सेटल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक प्रस्तुत दावों में से लगभग आधे का निपटारा केवल तीन दिनों के भीतर किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2025 से 5 जून 2025 के बीच ईपीएफओ ने करीब 68.96 लाख दावों का त्वरित निपटारा किया।

स्वचालित निपटान की सीमा बढ़ेगी ₹5 लाख तक

अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान कुल प्राप्त दावों की संख्या लगभग 2.34 करोड़ रही, जिसमें से 39 प्रतिशत का त्वरित निपटारा किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि स्वचालित दावा निपटान की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख करने की योजना है, जिससे इस प्रक्रिया में और तेजी आएगी।

सीबीटी की स्वीकृति की नहीं जरूरत

यह बदलाव ईपीएफओ के केंद्रीय आयुक्त द्वारा लागू किया जा सकता है और इसके लिए केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की अनुमति आवश्यक नहीं है। सीबीटी में कर्मचारी संगठनों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और इसका नेतृत्व केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री करते हैं।

स्वचालित प्रक्रिया फिलहाल ₹1 लाख तक सीमित

वर्तमान में, ईपीएफओ स्वचालित रूप से ₹1 लाख तक के पात्र दावों का निपटारा करता है—विशेष रूप से बीमारी, शिक्षा, आवास या विवाह से जुड़ी जरूरतों के लिए। यदि सभी आवश्यक शर्तें पूरी हों तो यह प्रक्रिया तीन दिनों में पूरी कर दी जाती है।

72 घंटे में सभी दावों का निपटारा ईपीएफओ का लक्ष्य

ईपीएफओ का उद्देश्य निकट भविष्य में सभी प्रकार के दावों—चाहे वह पेंशन हो, समूह बीमा या ईपीएफ निकासी—को तीन कार्यदिवसों के भीतर पूरा करना है। अधिकारी ने यह भी बताया कि संगठन उन पुराने मामलों को सुलझाने के प्रयास में है, जो निपटान प्रक्रिया में बाधा बनते हैं। वर्तमान में ईपीएफओ के पास 7 करोड़ से अधिक सक्रिय अंशधारक हैं।

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