ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव का असर अब वैश्विक वित्तीय बाजारों पर साफ नजर आ रहा है। शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली, जबकि अमेरिका के प्रमुख सूचकांक भी लाल निशान पर खुले। दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक संकट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिकी बाजारों में गिरावट
अमेरिका का डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुरुआती कारोबार में 573 अंक या 1.33% गिरकर 42,394.48 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह, एसएंडपी 500 में 0.81% और नैस्डैक में 0.87% की गिरावट दर्ज की गई। मुद्रास्फीति और आर्थिक दिशा को लेकर बढ़ती आशंकाओं के बीच यह गिरावट दर्ज हुई।
सोना-तेल की कीमतों में उछाल
भू-राजनीतिक जोखिम के चलते सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की कीमतों में करीब 1.75% की तेजी दर्ज की गई, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 8% का उछाल आया। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और महंगाई पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 4.385% हो गई, जो मौद्रिक नीति में बदलाव की संभावना को दर्शाती है। मुद्रा बाजार में डॉलर की मजबूती दर्ज की गई, खासकर यूरो के मुकाबले।
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार पर भी वैश्विक तनाव का गहरा असर पड़ा। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन सेंसेक्स 573.38 अंक या 0.70% टूटकर 81,118.60 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 169.60 अंक या 0.68% गिरकर 24,718.60 पर आ गया।
निवेशकों को दो दिन में तगड़ा नुकसान
बीते दो कारोबारी सत्रों में बाजार में आई गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सेंसेक्स दो दिनों में कुल 1,396.54 अंक या 1.69% लुढ़क चुका है। इसी अवधि में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 8.35 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,47,21,343.34 करोड़ रुपये (करीब 5.19 ट्रिलियन डॉलर) रह गया है।