वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) के न्यायाधीश कुलदीप सिंह ने बहुचर्चित भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह हत्याकांड में 16 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने इन सभी को हत्या, साजिश, जानलेवा हमला और दंगा फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में दोषी पाया। फैसला शुक्रवार, 12 जून को सुनाया गया।
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मृतक के पुत्र रुद्रेश सिंह ने कहा कि “यह सत्य की जीत है और आज पिता की आत्मा को शांति मिली होगी।” वहीं, अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय न्याय की जीत है।
18 नामजद, दो नाबालिग, 16 पर चला मुकदमा
13 अक्टूबर 2022 को सिगरा थाने में दर्ज एफआईआर में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जांच के दौरान दो आरोपी—विशाल गुप्ता और पवन सरोज—नाबालिग पाए गए, इसलिए उनके केस को बाल न्यायालय भेज दिया गया। बाकी 16 आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला, जिसमें शुक्रवार को फैसला सुनाया गया।
12 अक्टूबर 2022 को हुआ था हमला
घटना 12 अक्टूबर 2022 की है। सिगरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चंदुआ सट्टी में रहने वाले मंटू सरोज, राहुल सरोज और उनके अन्य साथी एक देसी शराब ठेके पर बैठकर शराब पी रहे थे और उत्पात मचा रहे थे। इस दौरान बीजेपी नेता पशुपतिनाथ सिंह के बेटे राजकुमार सिंह ने जाकर उन्हें टोका और वहां से हटाया। कुछ देर बाद आरोपी 15-20 लोगों के साथ वापस लौटे और लाठी-डंडों व लोहे की रॉड से लैस होकर राजकुमार पर जानलेवा हमला कर दिया। पिता पशुपतिनाथ सिंह बेटे को बचाने पहुंचे तो हमलावरों ने उन पर भी हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद रुद्रेश सिंह ने सिगरा थाने में 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अप्रैल 2023 में कोर्ट ने आरोप तय किए थे।
ये 16 आरोपी पाए गए दोषी, सभी को उम्रकैद
अदालत ने मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडेय, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, विकास भारद्वाज, दिनेश पाल, अनूप सरोज, सूरज यादव, रमेश पाल, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, संदीप कुमार गुप्ता, सुरेश सरोज और आर्या उर्फ आकाश सरोज को दोषी ठहराया। कोर्ट ने सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 147 और 149 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई।
जैसे ही सजा का ऐलान हुआ, दोषियों के परिजनों में चिंता का माहौल छा गया, जबकि पशुपतिनाथ सिंह के परिवार ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया। हालांकि रुद्रेश सिंह ने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट के फैसले से वे संतुष्ट नजर आए।