शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने आशंका जताई कि क्या यह हादसा किसी दुश्मन देश द्वारा किए गए साइबर हमले का परिणाम था। राउत ने हाल के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर पहले भी साइबर हमले की कोशिशें हो चुकी हैं।
“साइबर हमले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता”
मुंबई में एक प्रेस वार्ता के दौरान संजय राउत ने कहा, “मैं तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन उड़ान भरने के महज 30 सेकंड के भीतर विमान का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना कई सवाल खड़े करता है। क्या किसी विरोधी राष्ट्र ने विमान की प्रणाली को साइबर हमले के जरिए निशाना बनाया?” उन्होंने विमानन क्षेत्र में रखरखाव की अहमियत को रेखांकित करते हुए पूछा कि इस फ्लाइट के रखरखाव का जिम्मा किसके पास था और अहमदाबाद को ही टेकऑफ लोकेशन के रूप में क्यों चुना गया।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पहले जब बोइंग की डील हुई थी, तो भाजपा ने इसका विरोध किया था। राउत ने यह भी कहा कि अब लोग हवाई यात्रा को लेकर डरे हुए हैं और हादसे के बाद विमान के मलबे के पास कुछ मंत्रियों का बर्ताव भी संवेदनशील नहीं था।
सरकार ने बनाई उच्च स्तरीय जांच समिति
इस हादसे की तह तक जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है। यह समिति 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच करेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि यह समिति न केवल वर्तमान संचालन प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सुधारात्मक कदम भी सुझाएगी।
समिति को मिलेगा सभी रिकॉर्ड्स तक पहुंच
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि समिति का कार्यक्षेत्र अन्य जांच एजेंसियों की जांच से स्वतंत्र होगा। उसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग, विमान के रखरखाव संबंधी दस्तावेज़, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) लॉग और चश्मदीदों के बयान जैसी सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी समिति
गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय वायु सेना और विमानन विशेषज्ञों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही, बचाव कार्यों के दौरान विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल और आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन भी करेगी।
समिति का उद्देश्य
इस समिति का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के मूल कारणों की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को टालने के लिए नीतिगत और तकनीकी सुधारों की सिफारिश करना है। प्रस्तावित मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) में अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को भी शामिल किया जाएगा, ताकि भारत की विमानन सुरक्षा प्रणाली और अधिक मजबूत हो सके।