बागपत जनपद के रमाला थाना क्षेत्र अंतर्गत बूढ़पुर गांव में बीते 15 दिनों के भीतर 12 लोगों की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। इन अचानक हुई मौतों से ग्रामीणों में भय का माहौल है। मृतकों में अधिकांश की उम्र 50 से 55 वर्ष के बीच बताई जा रही है। कोई खेत में काम करते समय तो कोई सुबह टहलते हुए अथवा घर पर आराम करते हुए अचानक गिर पड़ा और उसकी जान चली गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव से होकर गुजरने वाले नाले का प्रदूषित व रसायनयुक्त पानी इसका मुख्य कारण है, जिससे न केवल बदबू फैल रही है बल्कि भूजल भी दूषित हो चुका है। लोगों का कहना है कि पास की शुगर मिल से निकलने वाला रसायनिक पानी भी इसी नाले में छोड़ा जाता है, जिससे बीमारी फैल रही है और मौतें हो रही हैं।
ग्रामीणों ने की स्वास्थ्य जांच और जल समस्या के समाधान की मांग
गांव की आबादी करीब आठ हजार है। लगातार हो रही मौतों को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल कैंप लगाकर जांच कराने और प्रशासन से दूषित जल निकासी की व्यवस्था सुधारने की मांग की है। वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि दिल का दौरा खानपान और अत्यधिक गर्मी के चलते भी हो सकता है, हालांकि वास्तविक स्थिति जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।
15 दिन में ऐसे गई 12 जानें
- यशवीर उर्फ बिल्लू (52) खेत में सिंचाई करते समय बेहोश होकर गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई।
- पप्पी शर्मा (53) सुबह टहलने निकले थे, सीने में दर्द हुआ और कुछ ही देर में दम तोड़ दिया।
- सतीश कुमार (54) पत्नी संग टहलने गए थे, अचानक चक्कर खाकर गिर पड़े और मौके पर ही मौत हो गई।
- प्रमोद (50) खेत में काम करते समय सीने में दर्द हुआ, अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ा।
- खिलारी (55) नाले के पास टहलते समय गिरे, डॉक्टरों ने हार्टअटैक से मौत की पुष्टि की।
- बिजेंद्र (52) घर में बैठे थे, अचानक सीने में दर्द उठा और उनका निधन हो गया।
- विनोद (55) रात में सोते हुए मौत हो गई, परिजनों ने हार्टअटैक बताया।
- रफीक (55) मजदूरी करते थे, खाना खाते समय दर्द हुआ, अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
- बिजेंद्र (56) पशुओं के लिए चारा लाते समय सीने में दर्द हुआ और उन्होंने दम तोड़ दिया।
- शफीक (62) मजदूरी के दौरान सीने में दर्द उठा, वहीं मौत हो गई।
- सिरिया (55) रात के खाने के बाद पानी पीते हुए अचानक दर्द उठा और जान चली गई।
- राजबीर सिंह (62) पूर्व प्रधान थे, सुबह टहलते हुए नहर की पटरी पर अचानक मौत हो गई।
ग्रामीणों की मांग और चिंता
- नवीन तोमर का कहना है कि दूषित पानी व रसायनों के चलते गांव में बीमारियाँ फैल रही हैं, प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
- विकास तोमर ने स्वास्थ्य विभाग से जांच की मांग की है।
- लोकेंद्र सिंह का कहना है कि गांव में भूजल अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है और गर्मी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
- पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार हो रही मौतों की वजह से गांव में दहशत का माहौल है।
हृदय रोग विशेषज्ञों की राय
- डॉ. दीपक कुमार (जिला अस्पताल) का कहना है कि अधिक गर्मी, दूषित पानी, तला-भुना भोजन और अनियमित जीवनशैली हार्टअटैक की संभावना बढ़ा देती है।
- डॉ. मयंक गोयल ने कहा कि पारिवारिक पृष्ठभूमि, गर्मी में खून की गाढ़ा हो जाना और ब्लॉकेज भी कारण हो सकते हैं। ऐसे में नियमित जांच, तरल पदार्थों का सेवन और संतुलित भोजन जरूरी है।
सीएमओ का बयान
सीएमओ डॉ. तीरथलाल ने बताया कि फिलहाल विभाग को इतनी बड़ी संख्या में हार्टअटैक से मौत की जानकारी नहीं है। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।