अब शिक्षकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर, विवादित पोस्ट से बचने की सलाह

जिले में अब प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रशासनिक निगरानी बढ़ेगी। शिक्षकों को राजनीतिक, जातिगत या सांप्रदायिक विषयों से जुड़े विवादों से बचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन विशेष योजना बना रहा है। डीएम अनुज सिंह ने बताया कि शिक्षकों को इस संबंध में जागरूक करने हेतु कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

राजनीतिक पोस्ट से बनता है विवाद

वर्तमान में सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच का असर शिक्षा क्षेत्र पर भी देखा जा रहा है। कई बार शिक्षक फेसबुक या अन्य प्लेटफार्म पर ऐसी पोस्ट साझा कर देते हैं, जो विवाद का कारण बन जाती हैं। हाल ही में एक स्कूल शिक्षक पर आरोप लगे कि वह शिक्षण कार्य से अधिक राजनीति में रुचि लेते हैं। फेसबुक पर एक विशेष पार्टी व नेताओं को लेकर उनकी पोस्ट लगातार वायरल हो रही थीं, जिसकी शिकायत एक राजनैतिक दल के प्रतिनिधि ने की।

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले

ऐसा ही मामला पिछले वर्ष ठाकुरद्वारा क्षेत्र में सामने आया था, जहां एक शिक्षक पर आरोप लगा कि वह पार्टी नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें साझा कर विद्यालयी माहौल पर असर डालने की कोशिश कर रहे हैं। इससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होने की बात कही गई थी।

प्रदर्शन में शामिल होने पर एफआईआर

एक अन्य मामले में पिछले वर्ष एक शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर एक प्रदर्शन में भाग लेकर राजनीतिक और सांप्रदायिक मुद्दों से जुड़ाव रखने का आरोप लगा। इसके बाद शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

शिक्षकों को सीमित भूमिका निभाने की सलाह

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मेजर डॉ. देवेंद्र सिंह ने कहा कि किसी शिक्षक की निजी राजनीतिक सोच हो सकती है और वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी सक्रियता से शिक्षण कार्य बाधित न हो।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश शर्मा का कहना है कि शिक्षक यदि सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणियां करते हैं या किसी दल में सक्रिय रहते हैं, तो यह नियमों के विरुद्ध है। यदि किसी शिक्षक को राजनीति में हिस्सा लेना है तो उन्हें पहले इस्तीफा देना होगा।

डीएम का फोकस: शिक्षा पर असर न हो

डीएम अनुज सिंह ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए शिक्षकों को सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की राजनीति, जाति या संप्रदाय से जुड़ी गतिविधियों से दूर रहने हेतु संवेदनशील किया जाएगा। शीघ्र ही इस पर एक जागरूकता कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी।

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