ईरान-इस्राइल संघर्ष पर एससीओ के बयान से भारत ने बनाई दूरी, तनाव कम करने की अपील

नई दिल्ली। भारत ने ईरान और इस्राइल के बीच हालिया संघर्ष को लेकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) द्वारा जारी निंदा संबंधी वक्तव्य से खुद को अलग कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत ने एससीओ की उस चर्चा में भाग नहीं लिया, जिसके आधार पर यह बयान जारी किया गया था।

भारत का स्पष्ट रुख: शांति और कूटनीति की वकालत

विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत का रुख स्वतंत्र और संतुलित है। मंत्रालय ने 13 जून को अपने बयान में यह स्पष्ट किया था कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए संवाद और कूटनीतिक प्रयास जरूरी हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वह क्षेत्र में स्थिरता के लिए संवाद को प्राथमिकता दे।

इस्राइल ने ईरान के 9 परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का दावा किया

उधर, इस्राइल ने दावा किया है कि उसने ईरान में नौ परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर मार गिराया है। इस्राइली रक्षा बल (IDF) ने एक वीडियो जारी करते हुए उन ठिकानों की जानकारी साझा की है, जहां यह कार्रवाई की गई। IDF के मुताबिक, ये सभी वैज्ञानिक परमाणु हथियारों के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और काफी प्रगति कर चुके थे।

चार दशकों में इस्राइल की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई

बताया जा रहा है कि ईरान पर यह हमला पिछले साढ़े चार दशक में इस्राइल की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान, इस्राइल के लिए गंभीर खतरा बन चुका है, और यह कार्रवाई उसी का जवाब है।

आवासीय इलाकों पर भी हमले, प्रमुख सैन्य अधिकारी की मौत

ईरान की सरकारी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्राइली हमलों में तेहरान स्थित कई रिहायशी इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। इन हमलों में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी की मृत्यु हो गई है। मृतकों में कई बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं।

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