उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के किरतपुर स्थित सरकारी अस्पताल में एक घायल सफाई कर्मचारी के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि किरतपुर नगर पालिका में कार्यरत एक सफाईकर्मी कूड़ा उठाने वाले ऑटो रिक्शा के नीचे आकर घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां अस्पताल स्टाफ ने पहले एक्स-रे करने से मना कर दिया।
जब साथी सफाईकर्मी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और जांच कराने की मांग की, तो घायल को एक्स-रे मशीन टेबल पर न लिटाकर सीधे जमीन पर लिटा कर एक्स-रे किया गया। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो मौके पर मौजूद कर्मी ने बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के साथ अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों पर भेदभाव का आरोप भी लगाया गया है और कार्रवाई की मांग की गई है।
टेक्नीशियन का पक्ष
मामले में एक्स-रे टेक्नीशियन का कहना है कि घायल कर्मी के कपड़ों से बदबू आ रही थी, जिससे टेबल और कमरे में दुर्गंध फैलने की आशंका थी। इससे अन्य मरीजों और स्टाफ को परेशानी हो सकती थी, इसलिए फर्श पर ही एक्स-रे करना पड़ा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता सुभाष वाल्मीकि ने इसे भेदभावपूर्ण व्यवहार करार देते हुए डॉक्टर और टेक्नीशियन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में छुआछूत की भावना को बढ़ावा देती हैं।
प्रशासन की सख्ती
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिजनौर की डीएम जसजीत कौर ने सीएमओ कौशलेन्द्र सिंह को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिले के सभी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि मरीजों के साथ मानवीय और संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।