पश्चिम बंगाल के कोलकाता के कस्बा स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा से दुष्कर्म की घटना के बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणियों ने स्थिति और अधिक संवेदनशील बना दी है।
टीएमसी नेताओं की टिप्पणियों पर विरोध
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक व पूर्व मंत्री मदन मित्रा द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर भारी आलोचना हुई है। पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इन बयानों पर नाराज़गी जताई, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने मदन मित्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।
कल्याण बनर्जी ने बदला रुख, दी सख्त सजा की मांग
सांसद कल्याण बनर्जी ने शुरुआत में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर टिप्पणी करते हुए घटना को “निजी संबंधों से जुड़ा मामला” बताया था। हालांकि, आलोचना के बाद उन्होंने अपना रुख बदला और कहा कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “अगर कानून सजा नहीं देता तो ऐसे लोगों को लैंप पोस्ट से बांधकर गोली मार देनी चाहिए।”
मदन मित्रा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया
पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने घटना को लेकर छात्रा की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उसे अकेले कॉलेज नहीं जाना चाहिए था। उनकी इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिसके बाद टीएमसी ने बयान जारी कर कहा कि यह उनकी ‘व्यक्तिगत राय’ है और पार्टी इस दृष्टिकोण से असहमत है।
टीएमसी का स्पष्ट रुख और कार्रवाई
तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि कस्बा कांड की निंदा करते हुए वह आरोपियों को कठोरतम सजा दिलवाने के पक्ष में है। पार्टी के अनुसार, तीनों आरोपी तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) से जुड़े हैं, और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा चुकी है।
कारण बताओ नोटिस में क्या कहा गया
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि मदन मित्रा की टिप्पणियां असंवेदनशील, अनावश्यक और पार्टी की नीतियों के विरुद्ध हैं। यह भी कहा गया कि उनके बयान से पार्टी की सार्वजनिक छवि को क्षति पहुंची है और उन्हें पार्टी अनुशासन के उल्लंघन पर जवाब देना होगा।