दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तुर्किये की कंपनी सेलेबी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 23 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाते हुए कोर्ट ने केंद्र के निर्णय को बरकरार रखा है।
15 मई को रद्द हुई थी सुरक्षा मंजूरी
BCAS ने 15 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था। यह निर्णय उस वक्त आया जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाज़ी की थी और भारत की कार्रवाई की आलोचना की थी।
याचिका में क्या कहा गया था?
सेलेबी, जो भारत के विभिन्न हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल सेवाएं प्रदान करती है, ने याचिका में आरोप लगाया था कि मंजूरी रद्द करने का निर्णय न्यायिक प्रक्रिया के विपरीत है। कंपनी के वकील ने यह भी कहा कि नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक को कंपनी को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए था और निर्णय के पीछे ठोस कारण सार्वजनिक किए जाने चाहिए थे।
केंद्र का पक्ष: सुरक्षा सर्वोपरि
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि कुछ खुफिया इनपुट के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि मौजूदा परिस्थितियों में सेलेबी की सेवाएं जारी रखना सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए मंजूरी रद्द करना आवश्यक था। सरकार ने यह भी बताया कि यह कदम पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा हित में उठाया गया है।
BCAS ने क्या कहा था?
BCAS द्वारा जारी आदेश में कहा गया था, “सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है, क्योंकि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है।” उल्लेखनीय है कि कंपनी को यह मंजूरी नवंबर 2022 में प्रदान की गई थी।
भारत में व्यापक परिचालन
सेलेबी भारत में पिछले पाँच वर्षों से भी अधिक समय से सक्रिय है और वर्तमान में नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं दे रही है। कंपनी के साथ देशभर में 10,000 से अधिक कर्मचारी जुड़े हुए हैं।