बिहार के नामी उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या मामले में जांच कर रही पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। मामले में दो शूटरों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, हत्या की साजिश में शामिल शूटरों को पटना सिटी से सुपारी पर बुलाया गया था। मुख्य हमलावर ने खेमका के सिर में गोली मारी थी, जिसकी पहचान विजय नामक व्यक्ति के रूप में हुई है। विजय पर पहले से ही हत्या के तीन मामले दर्ज हैं और वह फिलहाल फरार है।
कई जिलों में चल रही छापेमारी
फरार आरोपी विजय से जुड़े कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनकी निशानदेही पर पटना सहित अन्य जिलों में लगातार छापेमारी की जा रही है। इसी क्रम में एक अन्य संदिग्ध को उस वक्त पकड़ा गया, जब वह गोपाल खेमका के अंतिम संस्कार में गुलाब का गुच्छा लेकर शामिल हुआ था। सूत्रों का मानना है कि उसका इस हत्याकांड से कोई संबंध हो सकता है। पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
डीजीपी का बयान: जल्द होगा खुलासा
राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा है कि इस मामले में पटना पुलिस और एसटीएफ मिलकर गंभीरता से काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद एसटीएफ मुख्यालय पहुंचकर जांच की प्रगति की समीक्षा की है। डीजीपी ने भरोसा जताया कि जल्द ही इस हत्या कांड का पर्दाफाश कर दिया जाएगा, हालांकि फिलहाल जांच से जुड़ी जानकारी साझा करना संभव नहीं है।
पूर्व में मिली थी सुरक्षा, अब जांच के घेरे में
डीजीपी ने यह भी बताया कि गोपाल खेमका को वर्ष 2018 में उनके भाई गुंजन खेमका की हत्या के बाद अंगरक्षक मुहैया कराए गए थे। उस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई थी और वैशाली पुलिस ने एक माह के भीतर जांच पूरी की थी। हालांकि, अप्रैल 2024 के बाद गोपाल खेमका को दी गई सुरक्षा हटा दी गई थी, जिस पर अब जांच चल रही है कि ऐसा निर्णय किस आधार पर लिया गया।