हमीरपुर से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अमेरिका से आने वाले सेब पर संभावित आयात शुल्क कटौती को लेकर हिमाचल के सेब उत्पादकों की चिंता को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर किसानों के हितों की रक्षा करने की मांग की है।
अनुराग ठाकुर ने पत्र में उल्लेख किया है कि हिमाचल प्रदेश देश में सेब उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत योगदान देता है, जो सालाना करीब 6.5 लाख मीट्रिक टन होता है और इसकी आर्थिक वैल्यू लगभग 5,000 करोड़ रुपये के आसपास है। प्रदेश में अधिकांश किसान छोटे जोतों पर सेब उत्पादन करते हैं और यह उनके लिए मुख्य आय का स्रोत है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका से आयातित रेड डिलीशियस सेब, जो वहां के संघीय सब्सिडी कार्यक्रमों के कारण सस्ते में उत्पादित होते हैं, पहले ही हिमाचल के सेब बाजार पर असर डाल रहे हैं। यदि इन पर टैरिफ में और कटौती की जाती है, तो इससे भारतीय किसानों के लिए प्रतिस्पर्धा और कठिन हो जाएगी। इससे स्थानीय उत्पादकों की आमदनी और विपणन पर सीधा असर पड़ेगा।
सांसद ठाकुर ने यह भी कहा कि अमेरिका से आयातित सेब की कीमतों में गिरावट का असर न्यूजीलैंड, चिली जैसे अन्य देशों से आने वाले सेबों पर भी पड़ेगा, जिससे कुल मिलाकर भारतीय बाजार में घरेलू सेब की मांग प्रभावित हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे प्रदेश के लाखों किसानों और बागवानी क्षेत्र से जुड़े मजदूरों की आजीविका पर संकट गहरा सकता है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि अमेरिका के साथ किसी भी टैरिफ कटौती पर चर्चा करते समय हिमाचल समेत देश के सेब उत्पादकों की चिंताओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि स्थानीय कृषि आधारित अर्थव्यवस्था सुरक्षित रह सके।