पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इन दिनों लगातार सार्वजनिक मंचों पर सफाई दे रहे हैं। वजह है भारत के मई महीने में किए गए ऑपरेशन “सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान को कथित रूप से चीन और तुर्किये से मिले समर्थन की चर्चाएं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आरोप लग रहे हैं कि पाकिस्तान अकेले भारत का सामना नहीं कर सका और उसे विदेशी मदद की आवश्यकता पड़ी। अब जनरल मुनीर इन दावों को सिरे से नकार रहे हैं।
इस्लामाबाद स्थित नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में जनरल मुनीर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने किसी भी बाहरी देश की सहायता नहीं ली। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यहीन हैं और पाकिस्तान की सैन्य ताकत उसकी अपनी रणनीतिक सोच और दशकों की तैयारी का परिणाम है।
भारत के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया
जनरल मुनीर की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई जब हाल ही में भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में बयान दिया था कि चीन ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर समर्थन दिया, और तुर्किये ने भी सैन्य संसाधनों की आपूर्ति की थी। मुनीर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमता स्वनिर्भर है और किसी पर आधारित नहीं।
सीमाओं पर हमले का करारा जवाब देने की चेतावनी
जनरल मुनीर ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान की सीमाओं, नागरिकों या आर्थिक ढांचों पर हमला किया गया, तो उसका त्वरित और सख्त जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध केवल बयानबाज़ी और दिखावे से नहीं, बल्कि विश्वास, पेशेवर क्षमता और राष्ट्रभक्ति से लड़े और जीते जाते हैं। साथ ही उन्होंने भारत पर ‘गुटबाजी’ की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
भारत का पलटवार: युद्धविराम की मांग पाकिस्तान ने ही की थी
उल्लेखनीय है कि मई में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस अभियान के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। चार दिनों तक चले इस तनाव के बाद, भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने ही संघर्षविराम के लिए पहल की थी। अब पाकिस्तान अलग-अलग मंचों पर इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सफाई देता फिर रहा है।