मनुवादी सोच आज फिर मांग रही एकलव्य का अंगूठा: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विदेश में पढ़ाई के लिए दी जाने वाली नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र विदेश में शिक्षा के लिए आगे बढ़ता है, तभी सरकार को बजट की याद आती है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत चयनित 106 छात्रों में से 66 विद्यार्थियों को यह कहते हुए स्कॉलरशिप नहीं दी गई कि फंड उपलब्ध नहीं है। राहुल गांधी ने कहा, “जब प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं, प्रचार अभियानों और आयोजनों की बात आती है, तो करोड़ों रुपये की कोई सीमा नहीं होती। लेकिन बहुजन वर्ग के किसी छात्र को आगे बढ़ते ही बाधाएं खड़ी कर दी जाती हैं — कभी स्कूल बंद कर दिए जाते हैं, कभी ‘Not Found Suitable’ की दलील दे दी जाती है, और कभी मेहनत से हासिल की गई स्कॉलरशिप भी छीन ली जाती है।”

उन्होंने इसे सिर्फ एक अन्याय नहीं, बल्कि भाजपा की “बहुजन शिक्षा विरोधी मानसिकता” करार दिया और कहा कि “यह वही सोच है जो आज फिर से एकलव्य का अंगूठा मांग रही है।” उन्होंने सरकार से मांग की कि इस अमानवीय निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए और वंचित 66 छात्रों को विदेश में अध्ययन का अवसर दिया जाए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “शिक्षा बहुजनों का अधिकार है और हम इसे छिनने नहीं देंगे।”

खेमका हत्याकांड को लेकर बिहार सरकार पर भी साधा निशाना

बात को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने पटना में हुए व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा और नीतीश कुमार की साझेदारी ने बिहार को “भारत की अपराध राजधानी” बना दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में लूट, गोलीबारी और हत्याएं आम होती जा रही हैं और सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। राहुल ने बिहारवासियों से अपील करते हुए कहा, “अब यह अन्याय सहना संभव नहीं। जो सरकार आपके बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती, वह आपके भविष्य की जिम्मेदारी कैसे निभाएगी? अब वक्त है बदलाव का — एक ऐसे बिहार का जहां भय नहीं, विकास हो।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here