धर्मांतरण मामलों पर सिख-सिंधी समाज का आक्रोश, मुख्यमंत्री से की सख्त कार्रवाई की मांग

प्रदेश में गैर-मुस्लिम युवतियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराने की घटनाओं पर सिख और सिंधी समाज ने गहरी चिंता व्यक्त की है। समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि ऐसे षड्यंत्र में लिप्त तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, धर्मांतरण के दोषियों को फांसी जैसी सजा देने की अपील भी की गई है।

प्रदेश सरकार में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने इन घटनाओं को सिख समाज के विरुद्ध साजिश करार देते हुए कहा कि कुछ लोग आर्थिक प्रलोभन देकर युवतियों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया है, साथ ही इस प्रकरण में विदेशी हस्तक्षेप की भी जांच की मांग उठाई है।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में सिख समाज के प्रतिनिधि और गुरुगोविंद सिंह सेवा समिति के सचिव परबिंदर सिंह ने प्रदेश में अवैध धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने छांगुर बाबा प्रकरण का हवाला देते हुए उसे मृत्युदंड देने की मांग की।

गुरुद्वारा पटेलनगर के हेड ग्रंथी ज्ञानी भगत सिंह ने धर्मांतरण की घटनाओं को सिख धर्म और उसकी पहचान पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि लालच, भय और छल के सहारे सिख समुदाय को धर्म परिवर्तन के लिए विवश करना निंदनीय कृत्य है। उन्होंने इसे केवल धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने दावा किया कि इसमें विदेशी आर्थिक सहयोग और कट्टरपंथी संगठनों की संलिप्तता भी है।

सिंधी समाज के वरिष्ठ सदस्य नानक चंद लखमानी और किशन चंद्र तनवानी ने भी चिंता जताते हुए कहा कि सिंधी बेटियों को एक साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है, जो समाज की सांस्कृतिक विरासत और पहचान को समाप्त करने का प्रयास प्रतीत होता है।

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