लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अफसरशाही पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर नीतियों की अनदेखी कर अपने मनमाने तरीके से निर्णय लेने और चहेतों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। मंत्री ने यह भी कहा है कि अफसर लगातार निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं और कई महत्वपूर्ण फाइलें जानबूझकर रोककर रखी गई हैं।
मंत्री नंदी का कहना है कि अफसर फाइलें मंगाकर उन्हें डंप कर देते हैं और नियमों के विपरीत प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि कई प्रस्ताव ऐसे हैं जिनमें एक जैसी स्थिति होने के बावजूद किसी को लाभ दिया गया तो किसी का आवेदन निरस्त कर दिया गया। मंत्री के अनुसार, इस प्रकार की भेदभावपूर्ण कार्यशैली से विभागीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
दो वर्षों से फाइलों पर लटक रहा है फैसला
पत्र में नंदी ने बताया कि पिछले दो वर्षों से कई फाइलें बार-बार मांगने के बावजूद नहीं सौंपी गईं। उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को ऐसी फाइलों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई थी। इसके बाद 29 अक्टूबर को सभी फाइलें एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ।
इसके अलावा, तीन साल पहले विभागीय कार्य विभाजन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उससे संबंधित फाइल ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। मंत्री ने आरोप लगाया है कि कुछ अफसर एक जैसे मामलों में अलग-अलग निर्णय ले रहे हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अफसरों से जवाब तलब किया है। शीर्ष स्तर पर इसकी समीक्षा की जा रही है और विस्तृत रिपोर्ट मंगाई गई है।
Read News: एमएनएस नेता का बेटा महिला से अभद्रता करते वीडियो में आया नजर, पुलिस ने लिया हिरासत में