आयकर विभाग ने करदाताओं की प्रोफाइल की सुरक्षा को मजबूत करते हुए ई-फाइलिंग पोर्टल पर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को अपडेट करने की प्रक्रिया में आधार से जुड़े OTP सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति करदाता की जानकारी में छेड़छाड़ न की जा सके। अब केवल वास्तविक खाताधारक ही अपने संपर्क विवरण में बदलाव कर पाएगा, जिससे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की संभावनाओं पर अंकुश लगेगा।
पैन कार्ड के लिए आधार अब अनिवार्य
1 जुलाई 2025 से पैन कार्ड के लिए आधार नंबर देना और उसका OTP वेरिफिकेशन करवाना आवश्यक कर दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, अब वही पैन आवेदन वैध माना जाएगा जिसमें आधार संख्या को सही ढंग से दर्ज कर ई-वेरिफाई किया गया हो। इस कदम का उद्देश्य कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना, डुप्लिकेट पैन को समाप्त करना और डिजिटल ढांचे को सुदृढ़ करना है।
पहले पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार जरूरी नहीं था, और अन्य दस्तावेजों से भी आवेदन संभव था। लेकिन नए नियमों के तहत अब आधार और उसका OTP आधारित सत्यापन अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
मौजूदा पैन धारकों के लिए दिशानिर्देश
जिन व्यक्तियों के पास पहले से पैन कार्ड मौजूद है लेकिन उन्होंने अभी तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, उन्हें यह कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। निर्धारित समयसीमा के भीतर लिंकिंग न करने पर पैन कार्ड निष्क्रिय घोषित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, विलंब करने पर ₹1,000 तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बदलाव के पीछे सरकार का उद्देश्य
सरकार इन बदलावों के माध्यम से:
- कर चोरी और फर्जी पैन कार्ड पर रोक लगाना चाहती है
- डिजिटल KYC प्रणाली को बढ़ावा देना चाहती है
- टैक्स रिटर्न और रिफंड की प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाना चाहती है
- ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘ई-गवर्नेंस’ की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है
CBDT के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आधार आधारित सत्यापन यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति के नाम पर केवल एक वैध पैन कार्ड ही जारी हो। यह कदम देश की टैक्स प्रणाली को अधिक भरोसेमंद और डिजिटल रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।