गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस का खुलासा: जमीन विवाद में रची गई थी साजिश

पटना। उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए बिहार पुलिस ने मंगलवार को इस हाई-प्रोफाइल केस का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने खुलासा किया कि हत्या का मुख्य कारण जमीन का विवाद था और इस वारदात की साजिश करीब डेढ़ महीने पहले रची गई थी। मामले के मास्टरमाइंड अशोक साव समेत मुख्य शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, एडीजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, पटना रेंज के आईजी जितेंद्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा और सिटी एसपी दीक्षा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी।

तकनीकी जांच से पहुंची पुलिस, मिले अहम सुराग
एसटीएफ की मदद से पटना पुलिस ने तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज की सहायता से घटना को अंजाम देने वाले शूटर उमेश यादव तक पहुंच बनाई। उसके ठिकाने से हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक, कपड़े और हथियार भी बरामद किए गए। पूछताछ में उमेश ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि उसे हत्या के लिए चार लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, जिसमें 50 हजार रुपये एडवांस और शेष रकम वारदात के अगले दिन दी गई।

साजिश में शामिल था विकास उर्फ राजा
उमेश ने पहले शूटर विकास उर्फ राजा से संपर्क किया था, लेकिन बाद में खुद ही हत्या करने का निर्णय लिया। मास्टरमाइंड अशोक साव ने उसे 9 एमएम की पिस्टल, दो मैगजीन और 18 कारतूस मुहैया कराए थे। साथ ही गोपाल खेमका की फोटो और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया था।

दिनचर्या पर रखी गई थी नजर
हत्या से पहले उमेश और उसके सहयोगियों ने गोपाल खेमका की दिनचर्या पर करीब 10 दिन तक नजर रखी। उन्होंने देखा कि खेमका हर रात करीब साढ़े 11 बजे बांकीपुर क्लब से लौटते हैं और अपने अपार्टमेंट में खुद गाड़ी चलाकर प्रवेश करते हैं। चार जुलाई की रात जैसे ही खेमका घर पहुंचे, उमेश ने उन्हें निशाना बनाकर गोली चला दी।

तलाशी में मिले हथियार और दस्तावेज
वारदात के बाद उमेश ने हथियार को अपने घर के ऊपरी कमरे में छिपा दिया था। पुलिस ने वहां से एक पिस्टल, 7.62 एमएम के 56 कारतूस, 9 एमएम की पिस्टल, दो मैगजीन और 14 जिंदा कारतूस बरामद किए। इसके अलावा उदयगिरी अपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान साढ़े छह लाख रुपये नकद, एक और पिस्टल, 17 कारतूस, जमीन से जुड़े दस्तावेज और मोबाइल फोन भी मिले। यहां से अशोक साव को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

हत्या के पीछे जमीन और क्लब विवाद
पूछताछ में अशोक साव ने स्वीकार किया कि जमीन और बांकीपुर क्लब से जुड़ा पुराना विवाद ही हत्या का कारण बना। उसने खेमका को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रचकर उमेश को सुपारी दी थी।

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