पंजाब के अबोहर में वेयरवेल शोरूम संचालक संजय वर्मा की हत्या के चारों आरोपियों का मंगलवार को पुलिस से आमना-सामना हो गया। इस मुठभेड़ में दो आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी दिन स्पेशल सेल के डीजी अर्पित शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जल्द खुलासा किए जाने की बात कही थी, और कुछ ही देर बाद मुठभेड़ की सूचना सामने आ गई।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह करीब 10 बजे संजय वर्मा अपनी आई-20 कार से शोरूम के बाहर पहुंचे थे। तभी एक लाल रंग की बाइक पर सवार तीन हमलावर वहां पहुंचे, जो पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। संजय जैसे ही वाहन से बाहर निकले, हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। संजय को कई गोलियां लगीं और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। मंगलवार को इंदिरा नगर स्थित शिवपुरी में उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम आया सामने
प्रारंभिक जांच में इस हत्या की साजिश लॉरेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा रची गई मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि गुजरात की जेल में बंद लॉरेंस ने ही इस हमले की योजना रची थी, जबकि मास्टरमाइंड आरजू बिश्नोई को बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की पहचान राम रतन और जसप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
पंजाब पुलिस की टीम राम रतन और जसप्रीत सिंह को हथियार बरामद करने के लिए ले जा रही थी, तभी फाजिल्का के पंजपीर क्षेत्र में तीन अज्ञात हमलावरों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी और आरोपियों को छुड़ाने की कोशिश की। इसी दौरान जवाबी कार्रवाई में दो अपराधी मारे गए और दो घायल हो गए।
एक कांस्टेबल भी घायल
पुलिस मुठभेड़ में सीनियर कांस्टेबल मनिंदर सिंह को भी गोली लगी है। पुलिस को घटनास्थल से कई अहम सुराग मिले हैं और मामले की जांच तेज कर दी गई है। जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।