काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर यह दावा किया है कि भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल की सीमा में हुआ था। एक राजनीतिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य है और इसे लेकर किसी को भय या संकोच नहीं होना चाहिए। ओली के अनुसार, उनका यह दावा महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित मूल रामायण पर आधारित है।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि, “हम पर्यटन की बात करते हैं, लेकिन राम की जन्मभूमि को लेकर भ्रम नहीं होना चाहिए। वह क्षेत्र अब नेपाल की सीमा में आता है। भले ही उस समय की सीमाएं अलग रही हों, लेकिन आज वह हिस्सा नेपाल में है।” उन्होंने आगे कहा, “राम को भगवान मानना व्यक्तिगत आस्था का विषय है, लेकिन जो राम को पूजते हैं, उनके लिए यह भूमि श्रद्धा का केंद्र होनी चाहिए। हमें इसे प्रचारित करने से हिचकना नहीं चाहिए।”
नेपाल से जुड़े पौराणिक पात्रों का भी उल्लेख
ओली ने अपने भाषण में भगवान शिव और ऋषि विश्वामित्र को भी नेपाल से संबंधित बताया। उन्होंने दावा किया कि वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को कोसी नदी पार करवाकर पश्चिम की ओर शिक्षा दी, जो आज के सुनसरी जिले के अंतर्गत आता है। उनके अनुसार, विश्वामित्र का संबंध चतरा क्षेत्र से था।
पार्टी में भी उठे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री ओली ने ऐसा बयान दिया है। पूर्व में भी उनके ऐसे दावों पर उनकी ही पार्टी के नेताओं ने नाराज़गी जताई थी। कई नेताओं का कहना था कि इस तरह के वक्तव्यों से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। उस समय नेपाल के विदेश मंत्रालय को भी बयान जारी कर स्पष्टीकरण देना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि 2020 में ओली ने थोरी क्षेत्र में बनने वाले एक मंदिर के लिए राम और सीता की मूर्तियां भिजवाई थीं, जिसे उन्होंने रामजन्मभूमि का वास्तविक स्थल बताया था।