मुजफ्फरनगर। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को एक पत्र लिखते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा किसानों को “हिस्सा प्रमाणपत्र सहित डिजिटल क्यूआर कोड वाली खतौनी” मिलने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, क्योंकि क्यूआर कोड अंकित होने के कारण खतौनी को वेरीफाइड डॉक्यूमेंट माना जाता है। किसानों को “हिस्सा प्रमाणपत्र” सहित “डिजिटल क्यूआर कोड वाली खतौनी” मिलने से हिस्सा प्रमाणपत्र अलग से लेने की परेशानी से बचाया जा सकता है और उन्हें एक ही स्थान पर अपनी भूमि से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो सकती है।
राजस्व विभाग द्वारा किसानों को हिस्सा प्रमाणपत्र सहित “डिजिटल क्यूआर कोड वाली खतौनी” मिलने से किसानों को अपनी जमीन की खतौनी लेने के लिए बार-बार लेखपाल के पास नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी और भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं मिलेगी। किसान अपनी भूमि की खतौनी किसी भी जनसेवा केंद्र या तहसील से ऑनलाइन देख और प्राप्त कर सकते हैं। राजस्व विभाग के खाते का “बैंक से क्यूआर कोड प्राप्त कर लिया जाएगा और उसे तहसील के काउंटर पर लगाया जाएगा। किसान उसे स्कैन कर डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे।”
उत्तर प्रदेश में, राजस्व विभाग द्वारा किसानों को “हिस्सा प्रमाणपत्र” सहित डिजिटल क्यूआर कोड वाली खतौनी उपलब्ध कराने की योजना है, लेकिन यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस योजना का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से प्रबंधित करना और किसानों को आसानी से जानकारी उपलब्ध कराना है।
अतः आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा किसानों को “हिस्सा प्रमाणपत्र” सहित “डिजिटल क्यूआर कोड वाली खतौनी” देने के संबंध में समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।
Read News: ब्रिक्स पर बरसे डोनाल्ड ट्रंप, कहा- अमेरिका के खिलाफ साजिश