आईएसएस पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने शुरू किया ‘स्पेस फार्मिंग’, उगा रहे मूंग-मेथी

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने 14 दिवसीय मिशन के 12 दिन पूरे कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने अनेक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया, जिनमें एक अनोखा प्रयोग ‘स्प्राउट्स प्रोजेक्ट’ रहा, जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष में मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण कर ‘कृषक’ की भूमिका भी निभाई।

यह परियोजना सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में बीजों के अंकुरण और प्रारंभिक पौध विकास पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए की जा रही है। इस परियोजना का नेतृत्व धरती पर कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ के डॉ. रविकुमार होसामणि और आईआईटी धारवाड़ के प्रो. सुधीर सिद्धपुरेड्डी कर रहे हैं।

एक्सिओम स्पेस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि यह बीज पृथ्वी पर लाकर आगे कई पीढ़ियों तक उगाए जाएंगे, जिससे उनके आनुवंशिक बदलाव, सूक्ष्मजीवी तंत्र और पोषण तत्वों में हुए परिवर्तनों की जांच की जा सकेगी।

“भारतीय वैज्ञानिकों के लिए नए अवसर खुलेंगे”

एक्सिओम स्पेस की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. लूसी लोव ने बुधवार को आईएसएस पर मौजूद क्रू से संवाद किया। इस दौरान ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपने अब तक के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे अंतरिक्ष स्टेशन पर बेहद व्यस्त हैं और कई महत्वपूर्ण प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने यहां पहुंचने के बाद से ही लगातार काम किया है। इस मिशन से माइक्रोग्रैविटी पर शोध को नया दृष्टिकोण मिलेगा और भारतीय वैज्ञानिकों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। मुझे गर्व है कि इसरो वैश्विक संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।”

स्टेम सेल, मस्तिष्क पर असर सहित कई प्रयोग जारी

शुक्ला ने जानकारी दी कि वे स्टेम सेल पर आधारित शोध, माइक्रोग्रैविटी में बीजों की वृद्धि, और अंतरिक्ष में मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों जैसे कई प्रयोगों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से स्टेम सेल के प्रयोग को लेकर वे उत्साहित हैं क्योंकि इससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि क्या पोषण सप्लीमेंट्स से चोट की रिकवरी तेज हो सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और आईएसएस के बीच सेतु बनने का अवसर उन्हें गौरवान्वित करता है।

मिशन के समापन की तैयारी, जल्द लौटेंगे धरती पर

शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के चार सदस्यीय दल का हिस्सा हैं, जिसने 25 जून को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से उड़ान भरी थी। मिशन की कुल अवधि 14 दिन तय की गई है। क्रू ने अंतरिक्ष स्टेशन पर 12 दिन पूरे कर लिए हैं और मौसम अनुकूल होने पर 10 जुलाई के बाद कभी भी फ्लोरिडा तट पर उनकी वापसी हो सकती है। हालांकि, नासा ने अभी तक आईएसएस से मिशन के अलग होने की अंतिम तारीख घोषित नहीं की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here