भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अपने जोधपुर प्रवास के दौरान कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब कांग्रेस भी भाजपा की राह पर चलते हुए मंडल अध्यक्षों और बूथ स्तर की समितियों का गठन कर रही है, लेकिन यह प्रयास काफी देर से किया गया कदम है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “हुजूर, आते-आते बहुत देर कर दी।”
मंगलवार को राठौड़ जोधपुर पहुंचे, जहां सर्किट हाउस में भाजपा पदाधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता के निधन पर उन्होंने संवेदना प्रकट की। साथ ही राजस्थान में हुए विमान हादसे और बस-ट्रक टक्कर में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर प्रतिक्रिया
फिल्म “उदयपुर फाइल्स” को लेकर पूछे गए प्रश्न पर राठौड़ ने कहा कि फिल्म निर्माण और न्यायालय का रुख करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। यदि विरोध होता है, तो कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
महाराष्ट्र में भाषा आधारित हमलों पर बयान
महाराष्ट्र में भाषा के आधार पर हो रही मारपीट की घटनाओं पर राठौड़ ने स्पष्ट कहा कि संवाद का माध्यम भाषा है, लेकिन इससे हिंसा को कोई जायज नहीं ठहरा सकता। उन्होंने कहा कि यहां तक कि मूक-बधिर भी संकेतों के जरिए संवाद करते हैं, इसलिए भाषा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात कर ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एसआई भर्ती मामले में निष्पक्षता की मांग
एसआई भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए राठौड़ ने कहा कि जो अभ्यर्थी मेहनत और ईमानदारी से चयनित हुए हैं, उनके अधिकार सुरक्षित रहने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए लेकिन एक भी निर्दोष को दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
गहलोत के ‘पंडित’ बयान पर पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ‘पंडित’ कहे जाने पर राठौड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ‘पंडित’ शब्द विद्वता का प्रतीक है और भजनलाल शर्मा इस सम्मान के पात्र हैं। गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सचिन पायलट को ‘निकम्मा’ और ‘नकारा’ कहा था, तब क्या वह भाषा उचित थी?
कांग्रेस के संगठन विस्तार पर टिप्पणी
कांग्रेस द्वारा हाल ही में संगठनात्मक विस्तार के प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए राठौड़ ने कहा कि अगर कांग्रेस संगठन चलाना सीखना चाहती है, तो भाजपा से सीख सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस दिशा में वर्षों पहले काम कर चुकी है और कांग्रेस की मौजूदा सक्रियता बहुत देर से आई है।